मेगा सिटी अहमदाबाद अब स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है, लेकिन म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के अंधाधुंध आयोजन की वजह से नागरिकों को ‘नगर’ के लिए आवश्यक ऐसी नल, गटर और रास्ते जैसे सामान्य सुखाकारी के कामों में भी कुछ हद तक संतोष नहीं मिलता है । शहर के सौ फीसदी क्षेत्र में नल, गटर की सुविधा नहीं दी जा सकी है । लोगों को प्रदूषित पानी और भर जाते गटरों से बारहों महीने परेशान होते है, इसमें भी डिसिल्टिंग के नाम पर करोड़ों के घोटाले चल रहे हैं । रास्तों के कार्यों से भ्रष्टाचार से तो लोग नाराज हो गये है, हालांकि कहा जाता विकास के काम भी मंद गति से चल रहे है, विशेष करके पूर्व क्षेत्र के निवासियों को दोनों ओवरब्रिज के विकास में विलंब होने से धीरज का फल मीठा होने का मानकर चलना पड़ेगा । एक या दूसरे प्रकार के घोटाले करता प्रशासन शहर के विभिन्न ब्रिज प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने के मामले में विफल साबित हुआ है, जिसका उत्तम उदाहरण पूर्व क्षेत्र में निर्माणाधीन दो ब्रिज प्रोजेक्ट है । म्युनिसिपल सत्ताधीशों द्वारा करीब ५०.८८ करोड़ रुपये के खर्च से हाटकेश्वर फ्लायओवरब्रिज के निर्माण के लिए १० अप्रैल, २०१५ को कामकाज प्रारंभ किया गया था । ५६३ मीटर लंबा और १६५ मीटर चौड़ा ऐसे दो लेन वाले यह फ्लायओवरब्रिज के निर्माणकार्य आगामी ७ सितम्बर, २०१७ तक में पूरा करना है यानी कि निर्माणकार्य की अंतिम तारीख को अब सिर्फ तीन ही दिन बाकी रहे है, लेकिन अभी ८० फीसदी ही कामकाज हुआ है । यानी कि यह ब्रिज को पूरा होने में अभी डेढ़ से दो महीने कम से कम लग जायेंगे बापूनगर की दिनेश चैम्बर के पास फ्लायओवरब्रिज का निर्माणकार्य भी मंद गति से चल रहे है ।करीब ५२.४२ करोड़ के खर्च ६२० मीटर लंबा और १६.६ मीटर की चौड़ाई वाले चार लेन के बापूनगर फ्लाय ओवरब्रिज का निर्माणकार्य आगामी २ अक्टूबर, २०१७ तक में पूरा करना है, लेकिन ब्रिज प्रोजेक्ट विभाग को इसमें भी विफलता मिली है ।
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