सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट फर्म जेपी इन्फ्राटेक और अन्य को मकान खरीदने वाले उन लोगों की अपील पर नोटिस जारी किया जिन्हें अब तक फ्लैट का कब्जा नहीं मिला हैं । सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद के नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल में कंपनी के खिलाफ दिवालिया होने की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी । गोरतलब हैं कि नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल एनसीएलटी ने आईडीबीआई बैंक द्वारा कर्ज में डूबी जेपी इंफ्राटेक के खिलाफ दायर ऋण शोधन याचिका स्वीकार कर ली थी । एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ ने दिवाला एवं रिण सोधन अक्षमता संहिता २०१६ की धारा सात के तहत आईडीबीआई बैंक की याचिका स्वीकार की थी । इसमें कहा गया हैं कि कंपनी की तरफ से याचिका के बाद एनसीएलटी की इलाहाबाद पीठ ने नौ अगस्त को आईडीबीआई बैं की याचिका स्वीकार कर ली और अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया हैं । प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इस कंपनी में फ्लैट बुक कराने के बावजूद अभी तक मकान का कब्जा नहीं मिलने की वजह से दायर याचिका पर जेपी इंफ्राटेक और अन्य को नोटिस भी जारी किये । पीठ ने चित्रा शर्मा और अन्य मकान खरीदारों की जनहित याचिका पर रियल इस्टेट कंपनी, भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य से जवाब मांगे हैं । याचिका में कहा गया है कि उन्हें अभी तक अपने मकान के कब्जे नहीं मिले हैं और कंपनी के खिलाफ शुरु की गयी दिवालिया घोषित करने की कार्यवाही उन्हे बगैर किसी राहत के अधर में छोड देगा । याचिका में कहा गया है कि मकानों संस्थानों, जो सुरक्षित देनदार हैं, की बकाया राशि का पहले भुगतान किया जाएगा ।