अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के सत्ताधीशों जब कोई संकट आता है तभी काम शुरू करते है यह नीति को सभी मालूम है । टूटे रास्ते, स्वाइन फ्लू तथा आवारा पशु के मामले में हाईकोर्ट ने अंतिम कदम उठाया है । शहर में आवारा पशु पकड़ने के अभियान में असरकारक तरीके से गति आयी है लेकिन पशुओं को पकड़ने के लिए पर्याप्त साधन नहीं है ।गत १८ अगस्त को नागरिकों को ६९ आवारा पशु को पकड़ा गया था । १९ अगस्त को कुल ६८ आवारा पशु को पकड़ने में प्रशासन को सफलता मिली है, जबकि २० अगस्त को कुल ५९ आवारा पशु को पकड़ा गया था । पिछले दस दिन में शहरभर से कुल ७८५ पशु पकड़कर बहेरामपुरा के डिब्बे में डाल दिया गया है । आवारा पशु पकड़ने के अभियान के पहले दिन सत्ताधीशों ने और २० कर्मचारी की नियुक्ति करके शहर में राउन्ड धी क्लोक कामकाज का प्रारंभ किया गया है । हाल में तीन टीम द्वारा शहरभर में से आवारा पशु को पकड़कर डिब्बे में डाले जा रहे हैं । पशु पकड़ने के लिए सिर्फ चार ट्रेलर म्युनिसिपल पशु आतंक अंकुश विभाग के पास है । हालांकि अब चार ट्रेलर खरीदने की दिशा में काम शुरू किया गया है । एक ट्रेलर से छह से सात आवारा पशु पकड़े जाते हैं । हालांकि आगामी दिनों में और चार ट्रेलर आ जाने से पशु आतंक अंकुश निवारण विभाग की टीम हररोज १२५ पशु को आसानी से पकड़ सकती है । आज भी घाटलोडिया, सत्ताधार चार रास्ता के पास पावापुरी, वाडज, भीमजीपुरा, राणिप, वेजलपुर जैसे कई क्षेत्रों में आवारा पशु का आतंक कायम है । स्कूल-कॉलेज जाते विद्यार्थियों- महिलाओं तथा किशोरों के लिए यह आवारा पशु परेशानीरूप है । पशु आतंक अंकुश निवारण विभाग के सुप्रिन्टेन्डेन्ट डॉ. जयंत काचा कहते है अभी गत दिन ही वेजलपुर में से कई पशु पकड़े गये थे । यहां उल्लेखनीय है कि, प्रशासन के दावे होने के बावजूद भी स्थिति कायम है ।