कांग्रेस से रिश्ता तोड़कर भाजपा में शामिल होकर भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा के चुनाव में खड़े होकर करारी हार का सामना करनेवाले बलवंतसिंह राजपूत ने आखिर में गुजरात हाईकोर्ट में पीटिशन किया है । राजपूत ने राज्यसभा चुनाव के परिणामों को चुनौती दी है और इसके साथ कांग्रेस के विजयी उम्मीदवार अहमद पटेल के परिणाम को रद्द ठहराने के लिए अर्जी की है । हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस छुट्टी पर होने से बलवंतसिंह राजपूत की तरफ से यह पीटिशन के अरजन्ट हीयरींग के लिए जस्टिस एमआर शाह समक्ष मेन्शनींग किया गया था । बाद में केस की सुनवाई २१ अगस्त को मुकर्र की गई थी ।बलवंतसिंह राजपूत ने कांग्रेस के दो बागी विधायकों ने उनके समर्थन में मत दिया था और दो मत कांग्रेस ने लिया आपत्ति के बाद केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा रद्द किया गया था यह विवादित निर्णय को भी रद्द ठहराने की अर्जी की गई है । उल्लेखनीय है कि, ८ अगस्त को राज्यसभा की आयोजित चुनाव में भाजपा के अमित शाह को फर्स्ट प्रेफरन्स के ४६, भाजपा की स्मृति ईरानी को भी ४६ मत और कांग्रेस के अहमद पटेल को ४४ मत मिलने पर वह विजयी उम्मीदवार के तौर पर घोषणा की गई थी, जबकि बलवंतसिंह राजपूत को ३८ मत मिलने पर उनको पराजय हुए उम्मीदवार की घोषणा की गई थी । बलवंतसिंह राजपूत की तरफ से पीटिशन में ऐसा मुद्दा उपस्थित किया गया है कि, कांग्रेस के बागी विधायक राघवजी पटेल और भोलाभाई गोहिल के मत उनको मिले थे लेकिन कांग्रेस ने आपत्ति उठाने के बाद केन्द्रीय चुनाव आयोग ने यह मतों को रद्द कर दिया था जो निर्णय बिल्कुल अयोग्य, गैरकानूनी होने योग्य है क्योंकि एकबार मत जबकि मतपेटी में पड जाए और जबकि रिटर्नींग ऑफिसर ने इसे स्वीकार कर लिया हो इसके बाद इसमें हस्तक्षेप करने की चुनाव आयोग को कोई सत्ता नहीं है । यदि किसी को मत के विरूद्ध आपत्ति हो तो कानून में प्रावधान के अनुसार इलेक्शन पीटिशन बाद में किया जा सके ।