चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि आजकल हर हाल में चुनाव जीतने का चलन बना हैं । रावत ने कहा कि लोकतंत्र तब फालता फूलता है जब चुनाव पारदर्शी , निष्पक्ष और मुक्त हो । लेकिन ऐसा लगता हैं कि स्वार्थी आदमी सबसे ज्यादा जोर इस बात पर देता है कि उसे हर हाल में जीत हासिल करनी हैं और खुद को नैतिक आग्रहों से मुक्त रखता हैं । ओपी रावत ने राजनीतिक दलों पर सीधा हमला करते हुए कहा कि विधायकों की खरीद- फरोख्त करना, उन्हें धमकाना एक चतुर मैनेजमेन्ट माना जाता हैं । किसी को अपनी और करने के लिए पैसे का लालच देना, राज्य तंत्र का उपयोग करना, ये सब चुनाव जीतने का हिस्सा बन गया हैं ।एसोसिएसन ओफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम कंसल्टेशन ओन इलेक्टोरल एंड पोलिटिकल रिफॉर्म्स में बोलते हुए चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव जीतने वाले ने कोई पाप नहीं किया होता क्योंकि चुनाव जीतते ही उसके सारे पाप धुल जाते हैं राजनीति में अब ये सामान्य स्वभाव बन चुका हैं । इस सबसे मुक्ति के लिए सभी राजनीतिक दलों, राजनेताओं मीडिया और समाज के अन्य लोगों को बेहतर चुनाव के लिए योगदान देना चाहिए । गौरतलब है कि चुनाव आयुक्त के इस बयान को हाल ही में हुए गुजरात राज्यसभा चुनाव से देखकर जोड़ा जा रहा हैं । क्योंकि गुजरात राज्यसभा चुनाव में पैसे और पॉवर के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं । आठ अगस्त को हुए चुनाव से पहले कांग्रेस के छह विधायकों ने पार्टी छोड़ दी । कांग्रेस नेता अहमद पटेल को हराने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी । कांग्रेस ने अपने विधायकों की किसी भी खरीद-फरोख्त से बचाने के लिए बंगलुरु के एक रिसोर्ट में छुपा कर रखा था । इसके अलावा कई विधायकों ने राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले इस्तीफा भी दे दिया था ।