निवर्तमान उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने स्वीकार्यता के माहौल को खतरे में बताते हुए कहा है कि देश के मुस्लिमों में बैचेनी का अहसास और असुरक्षा की भावना हैं । उपराष्ट्रपति के तौर पर ८० साल के अंसारी का दूसरा कार्यकाल गुुरुवार को पूरा हो रहा हैं । उन्होंने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है जब असहनशीलता और कथित गौरक्षकों की गुंडागर्दी की घटनाएं सामने आई हैं । अंसारी ने कहा कि उन्होने असहिष्णुता का मुद्दा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके कैबिनेट सहयोगियों के सामने उठाया हैं । उन्होंने इसे परेशान करने वाला विचार करार दिया कि नागरिकों की भारतीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं । जब अंसारी से पूछा गया कि क्या उन्होंने अपनी चिंताओं से प्रधानमंत्री को अवगत कराया हैं, इस पर उपराष्ट्रपति ने हां कहकर जवाब दिया । सरकार की प्रतिक्रिया पूछे जाने पर अंसारी ने कहा कि यूं तो हमेशा एक स्पष्टीकरण होता है और एक तर्क होता हैं । अब यह तय करने का मामला है कि आप स्पष्टीकरण स्वीकार करते हैं कि नहीं और आप तर्क स्वीकार करते है कि नहीं । इंटरव्यू में अंसारी ने भीड़ की ओर से लोगों को पीट पीटकर मार डालने की घटनाओं, घर वापसी और तर्कवादियों की हत्याओं का हवाला देेते हुए कहा कि यह भारतीय मूल्यों का बेहद कमजोर हो जाना, सामान्य तौर पर कानून लागू करा पाने में विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों पर सवाल उठाया जाना हैं । यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस बात से सहमत है कि मुस्लिम समुदाय में एक तरह की शंका हैं और जिस तरह के बयान उन लोगों के खिलाफ दिए जा रहे हैं । उससे वे असुरक्षित महसूस कर रहे हैं, इस पर अंसारी ने कहा कि हां यह आकलन सही हैं । जो मैं देश के अलग अलग हलकों से सुनता हूं । मैंने बेंगलुरु में यही बात सुनी ।