समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने भारत छोड़ों आंदोलन की ७५वीं वर्षगांठ पर केन्द्र की नरेन्द्र मोदी और प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ देश बचाओ- देश बनाओ का आगाज किया । इस आंदोलन के जरिए प्रदर्शन करने खुद अखिलेश यादव जहां फैजाबाद जिला मुख्यालय पहुंचे तो वहीं पार्टी कार्यकर्ता अपने अपने जिला मुख्यालयों में सड़क पर उतरे । अखिलेश की इस कवायद को २०१७ के विधानसभा चुनाव में खोया जनाधार वापस पाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा हैं । हालांकि अखिलेश २०१९ के सियासी संग्राम की भी तैयारी कर रहे है, ताकि बीस महीने बाद होने वाले इस रण में वे सुल्तान बन सकें । २०१७ के विधानसभा चुनाव में अखिलेश की पार्टी २३२ विधायकों से घटकर ४७ पर सिमट गई थी । हाल ही में पार्टी के कई एमएलसी भाजपा का दामन थाम चुके हैं । अखिलेश ने इस निराशा भरे माहौल से पार्टी को उबारने और साइकिल को दोबारा ट्रैक पर लाने के लिए मोदी और योगी सरकार के खिलाफ नारा बुलंद किया हैं । अखिलेश यादव मोदी और योगी सरकार के खिलाफ राम भरोसे संघर्ष करने उतरे हैं । एसपी कार्यकर्ता देश बचाओ-देश बनाओ अभियान के तहत अपने अपने गृह जनपद के जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन कर रहे थे । तो वहीं अखिलेश यादव खुद फैजाबाद पहुंचे । फैजाबाद में उनके पहुंचने के कई मायने हैं । राम की नगर अयोध्या फैजाबाद जिले में ही आती हैं । एसपी की छवि मुस्लिम परस्त पार्टी की रही हैं । ऐसे में अखिलेश की कवायद पार्टी को इस छवि से बाहर निकालने की भी हैं । इसके अलावा भाजपा की पूरी राजनीति अयोध्या के सहारे आगे बढ़ी है । मौजूदा समय में देश और सूबे दोनों जगह भाजपा की सरकार हैं . ऐसे में अखिलेश भाजपा के अस्त्र से उसे ही मात देने की कोशिश में हैं ।
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