भारतीय रिजर्व बैंक ने राहत देते हुए रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कटौती की हैं । आरबीआई ने दोनों में २५ बेसिस प्वाइंट की कटौती की हैं । जिसके बाद अब ईएमआई कम होने की उम्मीद हैं । इसके अलावा महंगाई दर को भी ४ फीसदी बरकरार रखने का लक्ष्य रखा गया हैं । आरबीआई ने अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा करते हुए रेपो रेट को ६.२५ से घटाकर ६ फीसदी कर दिया है, जबकि रिवर्स रेपो रेट को ६ फीसदी से ५.७५ फीसदी कर दिया हैं । वहीं महंगाई दर को ४फीसद बरकरार रखने का लक्ष्य रखा हैं । मौद्रिक नीति समिति ने निजी निवेश में नई जान फूंकने, बुनियादी ढांचा क्षेत्र की बाधाओं को दूर करने तथा प्रधानमंत्री आवास योजना पर विशेेष जोर देने की जरुरत पर बल दिया । आरबीआई की ओर से कहा गया है कि हम कंपनियों के फंसे बड़े कर्ज के समाधान तथा सार्वजनिक क्षेत्र को बैंकों में नई पूजी डालने के लिये सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं । मोनिटरी पोलिसी कमिटी के ६ में से ४ सदस्य रेट कट के पक्ष में थे । कमिटी के सदस्य प्रो रविन्द्र ढोलकिया ने तो आधे प्रतिशत की कटौती की सिफारिश की थी। हालांकि यह समिति में सर्वमान्य नहीं हुई । इस लिहाज से उम्मीद की जा सकती हैं कि दो महीने बाद होने वाली अगली मौद्रिक नीति की समीक्षा बैठक में भी चौथाई प्रतिशत की कटौती का फैसला लिया जाएगा । इधर प्रेस कॉन्फ्रेस में आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने माना कि जीएसटी को पूरे देश में बड़ी सहजता से लागू कर लिया जाएगा । उन्होंने कहा कि अच्छे मॉनसुन और जीएसटी के सहजता से लागू हो जाने की वजह से कमिटी को नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का फैसला लेने में आसानी हुई ।