Aapnu Gujarat
રાષ્ટ્રીય

लोन मोरेटोरियम पर अब और राहत नहीं, केंद्र ने कहा- SC न करे वित्तीय नीतियों में हस्तक्षेप

लोन मोरेटोरियम मामले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि विभिन्न सेक्टर्स को पर्याप्त राहत पैकेज दिया गया है। लोन की EMI भुगतान टालने में अब सरकार और ज्‍यादा राहत देने के मूड में नहीं है। दरअसल, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दिया है। इस हलफनामे में साफतौर पर कहा गया है कि सरकार ने विभिन्न सेक्टर्स को पर्याप्त राहत पैकेज दिया है। मौजूदा महामारी के बीच अब यह संभव नहीं है कि इन सेक्टर्स को और ज्यादा राहत दी जाए।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया कि सुप्रीम कोर्ट वित्तीय नीतियों के मामले में हस्तक्षेप न करे। केंद्र ने ये भी कहा कि जनहित याचिका के माध्यम से क्षेत्र विशेष के लिए राहत की मांग नहीं की जा सकती। केंद्र सरकार के हलफनामे के मुताबिक 2 करोड़ तक के लोन के लिए ब्याज पर ब्‍याज (चक्रवृद्धि ब्याज) माफ करने के अलावा कोई और राहत राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और बैंकिंग क्षेत्र के लिए हानिकारक है।
बीते अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी। कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाए नहीं, इस बारे में हलफनामा दाखिल कर अपना रुख स्पष्ट करे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप सिर्फ व्यापार में दिलचस्पी नहीं ले सकते। लोगों की परेशानियों को भी देखना होगा। आपको यहां बता दें कि मोरेटोरियम के ब्याज पर ब्याज को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी।
आपको बता दें कि बीते दिनों केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 2 करोड़ रुपए तक के एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज वसूली नहीं की जाएगी लेकिन इसके बाद शीर्ष अदालत ने विभिन्न क्षेत्रों में उधारकर्ताओं के लिए राहत पर विचार करने के लिए सरकार को एक हफ्ते का वक्त दिया था।

Related posts

હરિયાણાનાં પલવલમાં માનસિક બિમાર વ્યક્તિએ છ લોકોની હત્યા કરી

aapnugujarat

देश में कोरोना संक्रमण के 13,993 नए मामले

editor

વેક્સીનેશનથી જ કાબુમાં આવશે કોરોના પરંતુ સરકારને પરવા નથી : રાહુલ

editor

Leave a Comment

UA-96247877-1