इंडोनेशिया में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है और देश के डॉक्टर्स और मेडिकल कर्मी इसके शिकार हो रहे हैं। इंडोनेशिया की डॉक्टर्स एसोसिएशन के मुताबिक कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे 100 डॉक्टरों की संक्रमण से मौत हो चुकी है। कई अस्पतालों ने चेतावनी दी है कि वे पूरी क्षमता से चल रहे हैं, उनके यहां अब जगह नहीं बची है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश में अगस्त में संक्रमण काफी तेजी से बढ़ा है। पहले जकार्ता में बार और नाइटक्लब खोलने की तैयारी थी, लेकिन संक्रमण बढ़ने पर इसे रोक दिया गया है। इंडोनेशिया में कोरोना की एक नई किस्म का पता चला है जो दस गुना ज्यादा संक्रामक है। जकार्ता के इज्कमैन इंस्टीट्यूट फॉर मॉलिक्यूलर बायोलॉजी के मुताबिक इंडोनेशिया में बढ़ रहे मामलों के पीछे ये नया ज्यादा खतरनाक वायरस टाइप हो सकता है। इज्कमैन इंस्टीट्यूट के डिप्टी डायरेक्टर हेरावती सुडोयो का कहना है कि कलेक्ट किए गए सैंपल के जीनोम सीक्वेंस में कोरोना का D614G म्यूटेशन पाया गया है। सुडोयो के अनुसार, वायरस का ये रूप घातक तो नहीं लेकिन ज्यादा संक्रामक है। हालांकि उन्होंने इसे लेकर और स्टडी किए जाने की जरूरत बताई है ताकि पता लगाया जा सके कि कहीं कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के पीछे कोरोना का बदलता रूप तो नहीं है। उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि वायरस के इस स्ट्रेन की पहचान फरवरी के महीने में ही हो गई थी। वायरस का ये स्ट्रेन यूरोप, अमेरिका सिंगापुर और मलेशिया में भी पाया जा चुका है। यह वायरस अपने पहले के स्वरूपों की तुलना में 10 गुना ज्यादा संक्रामक लेकिन कम घातक है। इंडोनेशिया यूनिवर्सिटी के महामारी विशेषज्ञ स्याहरिजल सिराइफ ने चेतावनी देते हुए कहा कि आंकड़ों से पता चलता है कि इस साल के अंत तक 500,000 तक मामले बढ़ सकते हैं इसलिए इंडोनेशिया के लोगों को सतर्क रहना चाहिए। सिराइफ ने कहा, ‘स्थिति गंभीर है और लोकल ट्रांसमिशन वर्तमान में नियंत्रण से बाहर है।’
जकार्ता स्वास्थ्य एजेंसी के एक अधिकारी द्वी ओक्टाविया ने एक बयान में कहा, ‘बढ़ते मामलों को देखते हुए हमें लोगों और सरकार की तरफ से जागरूकता बढ़ाने और सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है।’ ओक्टाविया ने सबसे घर पर रहने का आग्रह करते हुए लोगों से बाहर निकलते समय मास्क पहनने की अपील की। अमेरिका में इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ इनफेक्शियस डिजीज के अध्यक्ष पॉल टमब्याह ने कहा कि कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन से इस बात के सबूत मिलते हैं कि इससे मृत्यु दर में गिरावट आई है जो बताता है कि ये कम घातक है। उन्होंने कहा कि म्यूटेट होने के बाद अधिकांश वायरस उतने गंभीर नहीं रह जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘शायद ये एक अच्छी बात है कि ये वायरस अधिक संक्रामक तो है, लेकिन कम घातक है।’