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भारत चीनी कंपनियों से करार खत्म करने पर विचार कर रहा है…?

लद्दाख में भारत और चीनी सैनिक झड़प पर  भारत सरकार कई कड़े फैसले ले सकती है। सूत्र यह भी कह रहे हैं कि भारत ने सेना को चीनी सेना को उसी की भाषा में जवाब देने के लिए हाथ खोल दिए हैं। यही नहीं भारत की मोदी सरकार ने चीन को आर्थिक मुद्दे पर भी कड़ी चुनौती देने के लिए भारत में चीनी कंपनियों के जो भी परियोजनाएं हैं उन्हें रद्द करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख में चीनी सेना की हरकतों को लेकर 19 जून को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है जिसमें सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को बुलाया गया है।

बता दें कि सोमवार सुबह ब्रिगेड कमांडर लेवल के साथ लोकल कमांडर लेवल की मीटिंग हुई। कमांडिंग अफसर (कर्नल) ने चीन के लोकल कमांडर से बात की। शाम को भारतीय सेना के ऑफिसर टीम के साथ गलवान वैली में पीपी-14 पहुंचे जहां से चीनी सैनिकों को पीछे हटना था। ऐसा बातचीत में तय हुआ था। तब वहां 10-12 चीनी सैनिक थे। अचानक बहुत से सैनिक आए। भारतीय ऑफिसर और उनके दो जवानों पर पत्थरों और लोहे की रॉड से हमला बोल दिया। भारतीय सैनिक चौंक गए और इसका जवाब दिया गया। भारी संख्या में भारतीय सैनिक भी उस पॉइंट पर पहुंचे और आधी रात तक हिंसक झड़प चलती रही।

इससे पहले प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से ट्वीट आया है कि। इसमें बताया गया कि 19 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सर्वदलीय बैठक करेंगे, इसमें विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के अध्यक्षों को बुलाया गया है। मीटिंग में भारत-चीन बॉर्डर की ताजा स्थिति पर चर्चा होगी। बैठक 19 जून को शाम पांच बजे होगी। यह सर्वदलीय बैठक कोरोना वायरस महामारी की वजह से वर्चुअल ही होगी। मीटिंग में किस-किस पार्टी को बुलाया जाएगा ऐसा कुछ अभी नहीं बताया गया है।

लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात भारत और चीनी सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इसमें कर्नल रैंक के अधिकारी संतोष बाबू भी शामिल थे। वहीं चीन के 40 जवान हताहत होने की खबर है। लेकिन उसने आंकड़ा अभी छिपा रखा है। यह संघर्ष ऐसे वक्त में हुआ जब दोनों देशों के बीच बॉर्डर पर तनाव कम करने के लिए बातचीत चल रही थी।

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें टिकी हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र के बाद अब अमेरिका ने ‘शांतिपूर्ण समाधान’ की उम्मीद जताई है। अमेरिका के गृह विभाग ने हिंसा में शहीद हुई भारत के जवानों के परिवारों से संवेदना प्रकट की है। बता दें कि लद्दाख में हुई हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हो गए जबकि चीन के भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं।

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