वोडाफोन-आइडिया और एयरटैल द्वारा 1 दिसम्बर से अपने टैरिफ बढ़ाए जाने की घोषणा के बाद रिलायंस जियो ने मंगलवार को अपने टैरिफ रिव्यू करने की घोषणा की है। कम्पनी ने कहा है कि जियो टैरिफ बढ़ाए जाने के फैसले समेत कई अन्य उपायों पर काम कर रही है और इस पर अगले कुछ हफ्ते में फैसला किया जाएगा। साथ ही कम्पनी ने यह भी कहा कि कम्पनी द्वारा लिए जाने वाले फैसले से डाटा के उपभोग पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
यदि जियो टैरिफ बढ़ाती है तो इसका करीब 35 करोड़ कंज्यूमर पर सीधा असर पड़ेगा। जुलाई के डाटा के मुताबिक जियो के देश भर में 331.3 मिलियन सब्सक्राइबर हैं और अगस्त व सितम्बर में भी जियो ने डेढ़ करोड़ से ज्यादा नए कंज्यूमर जोड़े हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) पुरानी मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के शुल्क बढ़ाने के बाद यह समीक्षा करेगा कि वृद्धि नियामकीय रूपरेखा के अनुकूल है या नहीं। ट्राई से जुड़े सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
निजी क्षेत्र की तीसरी बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया ने आयकर विभाग से पिछले साल के बकाया 7,000 करोड़ रुपए के कर रिफंड के लिए विभाग पर जोर दिया है। हालांकि कंपनी पर बढ़ी ताजा देनदारी को देखते हुए कर विभाग इस मामले में कोई कदम उठाने में हिचकिचा रहा है। घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। कर विभाग ने इससे पहले भी कर रिफंड को कंपनी की दूसरी देनदारियों में समायोजित किया है।
आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही टैलीकॉम कम्पनी वोडाफोन-आइडिया अगर भारत में कारोबार बंद करती है तो इसका असर न सिर्फ ग्राहकों पर पड़ेगा बल्कि केन्द्र सरकार को भी करीब 2 लाख करोड़ रुपए का नुक्सान होगा। बता दें सुप्रीम कोर्ट ने 24 अक्तूबर को एडजस्टेड ग्रॉस रैवेन्यू (ए.जी.आर.) के तौर पर दूरसंचार विभाग (डी.ओ.टी.) को 44,000 करोड़ रुपए बकाया अदा करने का निर्देश दिया था, जिसमें लाइसैंस फीस और स्पैक्ट्रम यूजेज चार्ज (एस.यू.सी.) शामिल हैं। इसी अनुमान के तहत वोडाफोन-आइडिया को साल 2031 तक स्पैक्ट्रम इंस्टॉलमैंट और अन्य चार्ज के 1,57,750 करोड़ रुपए सरकार को देने होंगे।
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