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थोक महंगाई दर में बड़ी गिरावट

सितंबर महीने में थोक महंगाई में भारी गिरावट आई है। सितंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई महज 0.33 फीसदी रही, जबकि अगस्त महीने में यह 1.08 फीसदी थी। एक साल पहले यानी सितंबर 2018 में थोक महंगाई 5.22 फीसदी थी। यह तीन साल से भी ज्यादा का निचला स्तर है। जून 2016 के बाद पहली बार महंगाई इतने निचले स्तर पर गई है। सोमवार को सरकार द्वारा आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं के सूचकांक में अगस्त महीने की तुलना में 0.4 फीसदी की गिरावट आई है। फलों-सब्जियों, पोर्क की कीमत में 3 फीसदी, ज्वार, बाजरा और अरहर की कीमत में 2 फीसदी और मछली, मटन, चाय की कीमत में 1 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि मसालों की कीमत में 4 फीसदी, पान के पत्ते, मटर की कीमत में 3 फीसदी, अंडे और रागी की कीमत में 2 फीसदी तथा राजमा, गेहूं, जौ, उड़द, बीफ, मूंग, चिकन, मक्का आदि प्रत्येक की कीमत में 1 फीसदी की तेजी आई है।
थोक महंगाई के मोर्चे पर सरकार समेत आम आदमी को राहत मिली है। हालांकि इस महीने प्याज के दामों में तेजी के चलते सितंबर में प्याज की थोक महंगाई 33.01 फीसदी से बढ़कर 122.40 फीसदी रही। दालों की कीमतों में मामूली चढ़त के साथ दालों की थोक महंगाई 16.36 फीसदी से बढ़कर 17.94 फीसदी पर आ गई। मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट की थोक मगंगाई 0 फीसदी से घटकर -0.42 फीसदी और फ्यूल एंड पावर की थोक महंगाई -4 फीसदी से घटकर -7.05 फीसदी रही है। गौरतलब है कि अगस्त महीने में थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई करीब 25 महीने के निचले स्तर 1.08 फीसदी पर रही थी। जुलाई के मुकाबले इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। एक साल पहले की समान अविध यानी अगस्त 2018 में थोक महंगाई दर 4.62 फीसदी थी। इसके पहले खुदरा महंगाई में बढ़त का आंकड़ा आया था।

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