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SC ने दिल्ली सरकार द्वारा मेट्रो में महिला को मुफ्त सेवा देने पर उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने मेट्रो में महिला यात्रियों को मुफ्त सेवाएं प्रदान करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को लेकर दिल्ली सरकार से सवाल किया है। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार से पूछा कि दिल्ली में महिलाओं के लिए मुफ्त मेट्रो सेवा क्यों? जस्टिस अरुण मिश्रा ने टिप्‍पणी करते हुए कहा कि ऐसे कदम से तो मेट्रो घाटे में चली जायेगी। कोर्ट ने सलाह देते हुए कहा कि सरकार को जनता के पैसे का सही इस्तेमाल करना चाहिए और ऐसी फ्री सौगात देने से बचना चाहिए। कोर्ट ने इसके साथ ही कहा कि इससे डीएमआरसी के राजस्‍व पर असर पड़ेगा और हो सकता है कि वह लाभकारी उपक्रम नहीं रहे। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार से कहा कि उसको जनता के पैसे का सही ढंग से इस्‍तेमाल करना चाहिए और लोगों को फ्री सौगात देने से परहेज करना चाहिए।
कोर्ट ने दिल्‍ली सरकार को राहत देते हुए केंद्र को निर्देश दिया कि दिल्‍ली मेट्रो के चौथे फेज के लिए जमीन की कीमत का 50 प्रतिशत भार वहन करना चाहिए और इस मद में केंद्र को करीब 600 करोड़ रुपये देने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को मेट्रो के चौथे चरण की ज़मीन की क़ीमत एक सप्ताह के भीतर रिलीज करने को कहा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसी साल जून में घोषणा करते हुए कहा था कि सरकार डीटीसी बसों और दिल्ली मेट्रो में महिला यात्रियों की मुफ्त यात्रा के लिए तीनों सार्वजनिक परिवहन को सब्सिडी देगी। इस संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने विधायकों और पार्षदों को निर्देश दिया था कि वे पूरे शहर में जनसभाएं कर सरकारी बसों एवं मेट्रो में महिलाओं के लिए यात्रा नि:शुल्क करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव के बारे में लोगों की प्रतिक्रिया जानें। माना जा रहा है कि अपनी ‘आम आदमी पार्टी’ (आप) की सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर जनमत अपने पक्ष में करने के मकसद से केजरीवाल ने यह निर्देश दिया।
दिल्‍ली सरकार की इस मुहिम की आलोचना भी हुई थी। केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने मेट्रो रेल में महिलाओं को मुफ्त यात्रा की सुविधा देने की घोषणा के बारे में कहा था कि केजरीवाल किसी भी योजना का मूल मसौदा बनाने से पहले ही उसकी घोषणा करने में यकीन करते हैं। पुरी ने केजरीवाल की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा था, “कोई योजना ऐसे लागू नहीं होती है कि पहले घोषणा कर दो और फिर उसका प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने मंत्रालय के संबद्ध अधिकारियों से पूछा कि क्या मेट्रो रेल में महिलाओं को मुफ्त यात्रा सुविधा देने के बारे में दिल्ली सरकार का कोई प्रस्ताव आया है। अधिकारियों से नकारात्मक जवाब मिलने पर पुरी ने कहा कि केजरीवाल पहले भी प्रक्रिया का पालन किए बिना ही सिर्फ योजनाओं की घोषणा करते रहे हैं।

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