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अमेरिकी F – 35 के सामने रूस ने पेश किया SU – 57 E

दुनिया में तेजी से बढ़ते आर्म्स रेस के बीच रूस ने अमेरिकी F – 35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों से टक्कर के लिए अपना हवाई योद्धा मैदान में उतार दिया है । रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को अपने पांचवीं पीढ़ी के अत्याधुनिक सुखोई लड़ाकू विमान SU – 57 E को राजधानी मास्को के नजदीक आयोजित एयर शो में निर्यात के लिए दुनिया के सामने पेश किया । यह विमान रेडार की पकड़ में आए बिना सुपरसोनिक स्पीड से उड़ान भरकर दुश्मन के ठिकानों को तबाह कर सकता है । पुतिन के सामने ही इस हवाई योद्धा को खरीदने के लिए ग्राहक भी मिलने शुरू हो गए । एयर शो के दौरान पुतिन के साथ मौजूद तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तईप एर्दोआन ने SU – 57 E को देखते ही उसके मुरीद हो गए और उन्होंने खरीदने का प्रस्ताव दे डाला । एर्दोगान ने पुतिन से कहा, क्या यह विमान बिक्री के लिए उपलब्ध है? इस पर पुतिन ने कहा, हां, आप इसे खरीद सकते हैं । इससे पहले तुर्की अमेरिका से पांचवीं पीढ़ी का रेडार की पकड़ में न आने वाला लड़ाकू विमान F – 35 खरीद रहा था लेकिन अंकारा के मास्को से S – 400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने के बाद यह डील रद्द हो गई । अमेरिका से १०० F – 35 लड़ाकू विमान की डील रद्द होने के बाद अब तुर्की की नजर रूस के SU – 57 E पर है । बताया जा रहा है कि तुर्की के साथ मिलकर रूस इस विमान के सह उत्पादन पर भी बात कर रहा है । बता दें वर्ष २०१८ में रूस ने युद्ध प्रभावित सीरिया में SU – 57 E विमान के सभी हथियारों और बचाव प्रणालियों का परीक्षण किया था । बताया जा रहा है कि सीरिया में सफल रहने के बाद इसे रूसी एयरफोर्स में शामिल करने की अनुमति दी गई है । SU – 57 E को रूसी कंपनी सुखोई ने बनाया है । पांचवीं पीढ़ी का यह स्टील्थ विमान हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमला करने में माहिर है । इस विमान को किसी भी मौसम में चाहे दिन हो या रात, इस्तेमाल किया जा सकता है । दुश्मन के एयर डिफेंस सिस्टम को ध्वस्त कर सकता है । यह ड्रोन विमानों के साथ भी काम कर सकता है ।
इस विमान की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह रेडार की पकड़ में नहीं आने वाली टेक्नॉलजी से लैस है । SU – 57 E सुपरसोनिक गति से उड़ान भरता है । रूस के इस अत्याधुनिक विमान पर जहां भारत ने भी नजदीकी से नजर बना रखी है, वहीं मास्को भी चाहता है कि लड़ाकू विमानों की भारी कमी से जूझ रहा भारत उसका यह विमान खरीदे । हालांकि भारत ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं ।

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