रामपुर के सांसद एवं प्रदेश के पूर्व मंत्री मो. आजम खां की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। ढेर सारे विवादों में मुकदमे दर्ज होने और भूमाफिया के तौर पर चिह्नित हो जाने के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है। ईडी के लखनऊ जोन कार्यालय ने यूपी पुलिस से उनके विरुद्ध दर्ज मुकदमों के बारे में रिपोर्ट मांगी है।
अभी गत 18 जुलाई को ही रामपुर जिले के थानों में 24 घंटे के अंदर आजम के खिलाफ आठ और मुकदमे दर्ज कराए गए थे। इससे पहले भी जमीन कब्जा करने के मामले में उनके विरुद्ध पांच मुकदमे दर्ज हुए थे। इन्हीं मुकदमों के बाद जिला प्रशासन ने आजम को भूमाफिया घोषित करते हुए उनका नाम एंटी भूमाफिया पोर्टल पर दर्ज कर दिया था। इस तरह आजम पर कई सौ करोड़ रुपये मूल्य की जमीन हड़पने के कुल 13 मामले दर्ज हो चुके हैं। उन पर लगातार यह आरोप लगता रहा है कि जौहर ट्रस्ट के माध्यम से संचालित मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए रामपुर में जमीनों पर अवैध कब्जा किया गया है। जिले के अजीम नगर थाने में दर्ज हुए मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि आजम ने जौहर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गरीब किसानों की कृषि उपयोग की जमीनों को फर्जी दस्तावेजों के जरिये हथिया लिया था। इसमें कोस नदी पर किया गया कब्जा भी शामिल है। नदी की जमीन पर कब्जे के मामले में एनजीटी ने भी एक जांच कमेटी गठित कर रखी है।इसके अलावा आजम खां पर जल निगम में हुई भर्तियों के मामले में भी मुकदमा दर्ज है। इस मामले की जांच यूपी पुलिस की एसआईटी कर रही है। इस मामले में नगर विकास मंत्री और जल निगम अध्यक्ष के रूप में उनकी भूमिका जांच के दायरे में है। सूत्रों के अनुसार ईडी इन सभी मामलों से संबंधित मुकदमों का ब्योरा जुटाकर इस तथ्य की पड़ताल करेगा कि कहीं इसमें मनी लांड्रिंग का मामला तो शामिल नहीं है। यदि ऐसे तथ्य मिले तो ईडी प्रिवेंशन आफ मनी लांड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मुकदमा दर्ज करके कार्रवाई कर सकता है।