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बजट में होम बायर्स को मिल सकता है तोहफा

सरकार आम बजट में हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के उपाय कर सकती है । वह इसे सुस्त अर्थव्यवस्था में जान फूंकने और रोजगार के ज्यादा मौके बनाने का ऐसा तरीका मान रही है, जिसका असर जल्द पड़ेगा । इसी के तहत, सरकार बड़ा टैक्स बेनिफिट देने पर विचार कर रही है ताकि घरों की खरीदारी को बढ़ावा मिल सके । अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए ब्याज दरें घटाने और दूसरा मकान खरीदने पर कुछ बेनिफिट्‌स बहाल करने पर भी विचार किया जा रहा है । एक बड़े सरकारी अधिकारी ने बताया, राय यह बन रही है कि हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कुछ इंसेंटिव्स दिए जाने चाहिए । उन्होंने कहा कि ज्यादा टैक्स इंसेंटिव और अफोर्डेबल हाउसिंग सेक्टर को बढ़ावा देने सहित कई कदमों पर विचार किया जा रहा है । ५ जुलाई को आम बजट पेश किया जाना है । सरकार आर्थिक मंदी रोकने के उपायों पर मंथन कर रही है और हाउसिंग को ऐसे सेक्टरों में देखा जा रहा है, जिनसे इस काम में मदद मिल सकती है । देश की जीडीपी ग्रोथ वित्त वर्ष २०१९ में सुस्त होकर ६.८ प्रतिशत रही, जो पांच साल का सबसे निचला स्तर रहा । मोदी सरकार ने जुलाई २०१४ में अपने पहले बजट में हाउसिंग लोन पर इंट्रेस्ट डिडक्शन १.५ लाख रुपये से बढ़ाकर २ लाख रुपये किया था । कंस्ट्रक्शन अगर पांच साल में पूरा हो तो फुल डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है । सरकार प्री-कंस्ट्रक्शन पीरियड के लिए कुछ और बेनिफिट्‌स दे सकती है । यह कदम देर से पजेशन मिलने की समस्या को देखते हुए उठाया जा सकता है । पूरा इंट्रेस्ट डिडक्शन प्री-कंस्ट्रक्शन के लिए ही देने की इजाजत भी दी जा सकती है । नांगिया अडवाइजर्स एलएलपी के फाउंडर और मैनेजिंग पार्टनर राकेश नांगिया ने कहा, २ लाख रुपये की लिमिट रखते हुए प्री-कंस्ट्रक्शन पीरियड के इंट्रेस्ट को मौजूदा साल के साथ जोड़ना ठीक नहीं है । यह व्यवस्था खत्म की जानी चाहिए । इससे पहले दूसरा घर रखने वाले लोग हाउसिंग लोन के ब्याज पर डिडक्शन क्लेम कर सकते थे और साल में इसकी कोई लिमिट नहीं थी ।

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