विशेष पीएमएलए अदालत ने बुधवार को जाकिर नाइक को 31 जुलाई को पेश होने का आदेश दिया है। अगर वह हाजिर नहीं होता तो अदालत उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करेगी। ईडी ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट की अर्जी दी है। गौरतलब है कि इस्लामिक धर्म प्रचारक जाकिर नाइक ने मनी लांड्रिंग की बात को निराधार बताते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) पर झूठ बोलने का आरोप लगाया था। ईडी का आरोप है कि कोई आमदनी न होने के बावजूद नाईक ने छह वर्षों के दौरान 46 करोड़ रुपये स्थानांतरित किए।
वहीं, अब जाकिर नाइक ने कहा कि ईडी क्यों झूठ बोल रहा है? सरकारी एजेंसियों सहित सभी जानते हैं कि मेरे पास कई प्रकार के उद्यम और आय के स्त्रोत हैं। टैक्स रिटर्न में मेरी आमदनी हमेशा दिखती भी है। जाकिर नाइक 2016 में भारत से भाग गया था और इस समय वह मलेशिया में रह रहा है। मलेशिया सरकार ने उसे स्थायी निवासी का दर्जा दे रखा है। एनआइए पहले ही गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत जाकिर नाइक के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह फिलहाल मलेशिया में छुपा हुआ है। लेकिन एनआइए इंटरपोल से उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी करने का अनुरोध किया है। पिछले दिनों इंटरपोल में जाकिर नाइक के खिलाफ सबूतों की समीक्षा की गई थी।
ईडी ने जाकिर नाइक पर मनीलांड्रिंग का आरोप लगाते हुए विशेष पीएमएलए अदालत के जज एमएस आजमी के समक्ष आरोप-पत्र दाखिल किया था। आरोप-पत्र के अनुसार, आय के ‘ज्ञात स्त्रोत’ नहीं होने के बावजूद नाइक पूरी दुनिया की यात्रा कर रहा है। वह अभी भी अपने भारतीय बैंक खातों में 49.20 करोड़ रुपये स्थानांतरित करने में कामयाब रहा। मनीलांड्रिंग का यह मामला कुल 193 करोड़ रुपये का है।