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प्रधानमंत्री किसान योजना में बाकी किसानों का पंजीकरण होगा शुरू

चुनाव आचार संहिता की अवधि समाप्त होने के बाद सरकार ने राज्यों से प्रधानमंत्री किसान योजना के लिए नए रजिस्ट्रेशन मांगे हैं। लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता 10 मार्च से लागू थी। आचार संहिता के लागू होने के तुरंत बाद चुनाव आयोग ने कृषि मंत्रालय को इस योजना के लिए नए रजिस्ट्रेशन रोकने को कहा था। इस योजना के तहत 2 हेक्टेयर तक जमीन रखने वाले छोटे और मझोले किसानों को प्रत्येक वर्ष तीन किस्तों में 6,000 रुपए तक का भुगतान किया जाएगा। सरकार ने योजना के लिए 75,000 करोड़ रुपए का आवंटन किया है। सरकार ने 4.76 करोड़ पंजीकृत किसानों में से अभी तक 3.1 करोड़ से अधिक किसानों को लगभग 11,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। कृषि मंत्रालय के डेटा के अनुसार, 2.25 करोड़ से अधिक किसानों को 2,000 रुपए प्रत्येक की दो किस्तें प्राप्त हुई हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘अब राज्य पोर्टल पर नए रजिस्ट्रेशन अपलोड करना शुरू करेंगे। हम अधिक लाभार्थियों तक तेजी से पहुंच सकेंगे।’ 
डेटा में कई गड़बड़ियां थी और मंत्रालय ने बहुत से आवेदनों को दोबारा पुष्टि के लिए राज्यों को वापस भेजा है। राजस्थान, मध्य प्रदेश और पश्चिम बंगाल जैसे गैर-बीजेपी सरकार वाले राज्यों ने अभी तक इस योजना में हिस्सा नहीं लिया है। अधिकारी का कहना था, ‘इन तीन राज्यों में बीजेपी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है। किसान इस योजना को लागू नहीं करने के कारण राज्य सरकारों से नाराज दिखे हैं। कर्नाटक में भी मौजूदा सरकार को झटका लगा है।’ राजस्थान में बीजेपी ने सभी लोकसभा सीटें जीती हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस केवल एक सीट जीत सकी है। बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में भी अपनी मौजूदगी बढ़ाई है, जहां ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस सरकार चला रही है। सरकार को इन राज्यों के जल्द योजना में शामिल होने की उम्मीद है। अधिकारी ने कहा, ‘हम इन राज्यों को लाभार्थियों की लिस्ट भेजने के लिए दोबारा कहेंगे। पहले भी हमने इन्हें योजना में शामिल होने के लिए आश्वस्त करने की कोशिश की थी।’ 2015 की कृषि जनगणना के अनुसार, देश में लगभग 12.6 करोड़ छोटे और हाशिए पर मौजूद किसान हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान इस योजना का दायरा बढ़ाकर सभी किसानों तक करने का वादा किया था।

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