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आम की पैदावार कम होने से भाव ५० प्रतिशत बढ़े

सूरत के बाजारोें में मार्च के दूसरे सप्ताह से ही अलग-अलग किस्म के आम आने लगे थे । खासकर वलसाड और रत्नागिरी हापुस की डिमांड होने से यह बडी मात्रा में उपलब्ध है । सूरत में आम वलसाड, धरमपुर, तलाला और रत्नागिरी सहित अन्य स्थलों से आते है । फल विक्रेताओं का कहना है कि आम के पेड़ों पर दिसम्बर और जनवरी में मंजरी आ जाती है, जो बाद में फल का रूप लेती है । इस साल जनवरी में कई दिन तक कोहरे के असर के कारण पेडों से मंजरी झड गई । इससे आम की पैदावार कम हुई है । इस कारण इनकी कीमत पिछले साल की अपेक्षा बढ़ गई है ।
सूरतीयों को इस साल आम का स्वाद महंगा पड़ रहा है । पिछले कुछ महीने छाए रहे कोहरे के कारण आम की पैदावार कम होने से इनके भाव में उछाल आया है । पिछले साल के मुकाबले इस साल रिटेल मार्केट में आम के भाव २५ से ५० प्रतिशत तक ज्यादा है । हालांकि अभी आम की आवक का शुरुआती दौर है, कुछ दिनों बाद इनके भाव घटने की संभावना है ।
रत्नागिरी हापुस की डिमांड ज्यादा होने से इसकी कीमत में ज्यादा उछाल आया है । पिछले साल इसकी कीमत १२०० से १४०० रुपए प्रति २० किलो थी, जो इस साल बढ़कर १६०० से २००० रुपए तक पहुंच गई है । वलसाड के हापुस की कीमत ७०० से ८०० रुपए थी, जो इस बार १००० से १२०० रुपए है । केसर के भाव १२०० से बढ़कर १४००, देशी के २०० से ४०० रुपए और राजापुरी के ५०० रुपए से बढ़कर ७०० रुपए हो गए है । कीमत बढ़ने के बावजूद आम का स्वाद लोगों को फलों की दुकान तक खींच लाता है । फिलहाल आम का सीजन पूरी तरह नही जमा है । कुछ दिनों बाद इनकी कीमत घटने के आसार है ।

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