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लालू की ‘स्वाभिमान रैली’ पर टिकीं सभी की निगाहें

बिहार में सियासी घमासान अब तेज होने वाला है । बीजेपी विरोधी गठबंधन की पार्टियों के लिए २७ अगस्त अहम दिन है । एक के बाद एक छापे और अपने और परिवार के ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के पास विपक्ष की तरफ से अभियान छेड़ने का मौका है । हालांकि बीजेपी ने नीतिश कुमार की घर वापसी से अब लालू यादव की ‘स्वाभिमान रैली’ अब महज ताकत के प्रदर्शन के तौर पर सिमट कर रह गई है । आरजेडी की ओर से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं । बीजेपी के खिलाफ राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय अहम नेताओं को न्योता भेजा गया है । उधर, बीजेपी ने भी इस रैली को नाकाम करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं ।
अब यह देखा जाना बाकी है कि लालू के साथ कौन-कौन लोग मंच साझा करेंगे । आरजेडी इस रैली को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर पैसा और ऊर्जा लगा रही है । विपक्षी खेमे के राष्ट्रीय नेताओं की मंच पर लाने की भी हर मुमकिन कोशिश में जुटी है । इसके लिए सोशल मीडिया साइट्‌स पर कैंपेन के लिए कई गाने भी लिखे गए हैं । उधर, राज्य के पूर्व डेप्युटी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ९ अगस्त से बिहार की यात्रा पर निकलेंगे । यह नीतिश कुमार के बीजेपी के साथ सरकार बनाने के खिलाफ और २७ अगस्त की रैली को सफल बनाने के उद्देश्य से किया जा रहा है । तेजस्वी यादव का बतौर राजनेता यह अपने बल पर पहला राजनीतिक अभियान है । इसमें उन्हें किस तरह का रेस्पॉन्स मिलता है, इसी आधार पर उनकी आगे की राजनीति तय हो सकती है । वहीं इस रैली के मद्देनजर लालू प्रसाद भी अगले हफ्ते सोनिया गांधी सहित विपक्ष के दूसरे नेताओं से मिलने वाले है ।  आरजेडी सूत्रों के अनुसार, आरजेडी खेमे की अखिलेश यादव और मायावती को एक मंच पर बुलाने की योजना है । दोनों की सहमति मिलने से रैली का मूल उद्देश्य पूरा हो गया है । वहीं, लालू कैंप का सबसे बड़ा दांव जेडीयू के सीनियर नेता शरद यादव को तोड़कर इसी दिन आरजेडी में शामिल कराने को लेकर है ।

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