डोकलाम को लेकर भारत के साथ जारी तनातनी के बीच चीन ने तिब्बत में दो सैन्य अभ्यासों के बहाने अपने हजारों टन सैन्य साजोसामान इन पठारों की तरफ भेजे हैं। मीडिया रिपोट्र्स में जानकारी देते हुए बताया गया है कि सैन्य तैनाती में यह इजाफा सिक्किम सीमा के पास नहीं, बल्कि पश्ि्चम में शिनिजयांग प्रांत के निकट उत्तरी तिब्बत में किया गया है । हालांकि यहां गौर करने वाली बात यह हैं कि बीजिंग यादोंग से लेकर ल्हासा तक फैले अपने रेल और सड़क नेटवर्क के जरिये इन सैन्य साजोसामान को सिक्किम सीमा के निकट नाथू-ला तक पहुंचा सकता है । चीनी सेना को अपने एक्सप्रेस वे नेटवर्क के जरिए करीब ७०० किलोमीटर की यह दूरी तय करने में महज छह से सात घंटे का वक्त लगेगा । अशांत तिब्बत और शिनजियांग प्रांत में पश्चिमी थिएटर कमांड ने उत्तरी तिब्बत में कुनलुन पर्वतो के दक्षिण में सैन्य साजोसामान भेजे हैं। साजोसामान की यह तैनाती उसके दो सैन्य अभ्यासों के लिए है। वहीं शांघाई स्थित सैन्य टिप्पणीकार नी लेशियॉन्ग ने इस बावत बातचीत में साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट से कहा कि यह सैन्य मूवमेंट सीमा तनाव से जुड़ा हुआ हैं और भारत को बातचीत की मेज पर लाने के लिए डिजाइन किया गया प्रतीत होता हैंछ कूटनीतिक वार्ताओं के पीछे से सैन्य तैयारियों का साथ दिया जाना चाहिए । अन्य सैन्य टिप्पणीकार झू चेंमिंग ने कहा , पीएलए यह दिखाना चाहती हैं कि वह अपने पड़ोसी भारत को आसानी से हरा सकता हैं । हालांकि दक्षिण एशिया के रणनीतिक विशेषज्ञ वांग देहुआ ने कहा कि यह सैन्य ओपरेशन पूरी तरह से साजोसामान को लेकर हैं और अभी तिब्बती इलाके में काफी बेहतर ल़ॉजिस्टिक सपोर्ट मौजूद हैं ।