चीन के आक्रामक रुख से बेपरवाह भारतीय सेना डोकलाम इलाके में अपनी पोजिशन पर डटी रहेगी । चीन, भारत और भूटान के बॉर्डर से सटे इलाके में भारत की सेना लंबे समय तक बने रहने की पूरी तैयारी कर चुकी है । चीन वहां से भारतीय सैनिकों को वापस बुलाने की मांग कर रहा है, लेकिन यहां तैनात भारतीय सैनिक इस इलाके में तंबू लगाकर रह रहे हैं जो इस बात का संकेत है कि जब वह चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी वहां से अपने सैनिक नहीं बुलाती, वे भी वहां से पीछे नहीं हटेंगे । सिक्किम सेक्टर में करीब १०,००० फुट की ऊंचाई पर स्थित क्षेत्र में दोनों सेनाओं के बीच तनातनी बरकरार है । आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि स्थल पर मौजूद सैनिकों को लगातार आपूर्तियां की जा रही है जो इस बात का संकेत है कि भारतीय सेना चीन के किसी भी तरह के दबाव में नहीं झुकेगी । साथ ही सूत्र विवाद का कूटनीतिक हल तलाशने को लेकर आत्मविश्वास से भरे लगे और कहा कि पूर्व में सीमा पर जारी तनातनी का हल कूटनीति के जरिये ही हुआ है । हालांकि चीन पूरी आक्रामकता के साथ इस बात पर जोर दे रहा है कि वह किसी भी समझौते के लिए तैयार नहीं है और गेंद भारत के पाले में है । सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि तनाव कम करने के लिए कोई एकतरफा दृष्टिकोण नहीं हो सकता । दोनों देश विभिन्न स्तरों पर विचार विमर्श के जरिये सीमाई झड़पों का हल तलाशने के लिए २०१२ में एक तंत्र का विकास करने पर सहमत हुए थे । मौजूदा मामले में यह तंत्र अब तक नाकाम रहा है, क्योंकि गतिरोध तीन हफ्ते से ज्यादा समय तक खिंच चुका है । चीन के सामरिक रूप से महत्वपूर्ण इलाके में सड़क निर्माण की कोशिश करने के बाद इलाके में तनातनी शुरू हुई थी । भारत में इस क्षेत्र को डोका ला नाम से बुलाता है, भूटान इसे डोकलाम कहता है, जबकि चीन इसे अपने डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा बताता है ।