फ्लेट की खरीदी के लिए उधार के २.५० लाख रुपये लेने के बाद वह वापस चुकाने में इन्कार करनेवाला और इसके तहत दिया गया चेक बाउन्स होने के मामले में पेरेडाइज प्लाजा, हाथीजण सर्कल में रहते और विठ्ठलनगर का टेकरा, जशोदानगर में आरोपी का खुद का अस्पताल महिला डॉक्टर मीनाक्षीबहन मोहनभाई विरमगाम को एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मेजिस्ट्रेट मेहुल डी. परमार ने छह महीने की कड़ी सजा देने का आदेश दिया गया था । इस केम में उल्लेखनीय बात तो यह है कि, शिकायत करनेवाला डॉक्टर है और सजा पानेवाली आरोपी महिला डॉक्टर है ।शहर के जशोदानगर परिमल सोसायटी के पास रहते शिकायतकर्ता डॉक्टर सुधीरभाई इन्द्रवदन त्रिवेदी की तरफ से आरोपी महिला डॉक्टर मीनाक्षीबहन विरमगामा के विरूद्ध की गई कोर्ट शिकायत में एडवोकेट हरीश एस. सोलंकी ने पेशकश करते हुए कहा है कि, यह केस में शिकायतकर्ता डॉक्टर है और आरोपी भी महिला डॉक्टर है । आरोपी डॉक्टर मीनाक्षीबहन वीरमगामा शिकायतकर्ता डॉ. सुधीर त्रिवेदी के परिचित डॉक्टर जिनका जशोदानगर में अस्पताल चलाते है डॉ. अलकाबहन पटेल उनके द्वारा शिकायतकर्ता के परिचय में आयी थी । आरोपी डॉक्टर मीनाक्षीबहन आयुर्वेदिक डॉक्टर होने से कई मरीजों को शिकायतकर्ता उनके वहां भेजते थे । गत २७.१०.२०१३ को आरोपी डॉ. मीनाक्षीबहन डॉ. अलकाबहन को लेकर उनके वहां आये थे और पेरेडाइज फ्लेट बुक कराये होने से इसे चुकाने में कम पड़ रहे पैसे के तहत २.५० लाख रुपये की मांग की थी । आरोपी ने लोन लेकर यह पैसा वापस देने का आश्वासन दिया था । उसके बाद २९.१०.२०१३ को शिकायतकर्ता डॉक्टर ने उनके १.५० लाख रुपये और अलकाबहन के १ लाख रुपये मिलाकर कुल २.५० लाख रुपये आरोपी मीनाक्षीबहन ने उधार दिया था । तीन महीने के बाद शिकायतकर्ता ने पैसे की वसूली करने पर आरोपी डॉ. मीनाक्षीबहन ने अभी लोन पास नहीं हुई है यह कहकर पूरा पैसा नहीं दिया था लेकिन दस हजार का चेक दिया था ।