जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर जम्मू कश्मीर के मुख्यधारा के राजनीतिक दलों को दबाने का आरोप लगाया है। महबूबा ने कहा, ये दल ‘बलि का बकरा’ बन गए हैं और हर कोई उन्हीं पर ठीकरा फोड़ रहा है। महबूबा ने कहा, इन सबके बावजूद हम अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए एक लंबी और कठिन राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए तैयार हैं। महबूबा ने कहा, ‘दु:ख की बात है कि मुख्यधारा बलि का बकरा बन गई है और सब उसी पर ठीकरा फोड़ रहे हैं’। उन्होंने कहा, ‘सच यह है कि हम अपना पूरा राजनीतिक जीवन दिल्ली की तरफ से लग रहे पाकिस्तान समर्थक होने के आरोपों और कश्मीर से भारत विरोधी और कश्मीर विरोधी होने के आरोपों से लड़ते हुए बिता देंगे’। महबूबा ने इस बात पर जोर दिया कि पीडीपी और गुपकर गठबंधन बनाने वाले मुख्यधारा के छह अन्य दलों ने केवल लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों से पूर्ववर्ती राज्य के विशेष दर्जे को बहाल कराने के लिए लड़ने का संकल्प लिया था, लेकिन भारत सरकार हमें अब भी दबा रही है और असंतोष के स्वरों को अपराध की तरह दिखा रही है। उन्होंने कहा, ‘कुछ भी पत्थर की लकीर नहीं होता। अगर संसद का फैसला ही अंतिम होता तो लाखों लोग सीएए या कृषि विधेयकों जैसे कानूनों के खिलाफ सड़कों पर नहीं उतरे होते’। उन्होंने कहा, ‘हमसे जो भी असंवैधानिक तरीके से छीना गया है उसे लौटाना होगा, लेकिन यह लंबी और कठिन राजनीतिक लड़ाई होगी’।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, हाल ही में जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में 280 सीटों में से 112 पर गुपकर गठबंधन (पीएजीडी) की जीत ने दिखा दिया है कि जनता ने अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के फैसले को स्पष्ट रूप से नकार दिया है। उन्होंने कहा, ‘डीडीसी चुनाव अचानक से हमारे सामने चुनौती की तरह पेश किए गए और हमें समान अवसर भी नहीं दिए गए। हमने सीधी टक्कर ली और एकजुट होकर चुनाव लड़ा ताकि बीजेपी और उसके साथी दलों को कोई लोकतांत्रिक स्थान न मिले और हमारे लोगों को कमजोर करने से उन्हें रोका जा सके’। महबूबा ने कहा, ‘बीजेपी ने चुनाव में अनुच्छेद 370 के मुद्दे को उठाकर इसे एक जनमत संग्रह बना दिया। इसलिए लोगों ने सामूहिक रूप से हमारे गठबंधन के लिए वोट दिया और स्पष्ट कर दिया कि वे 5 अगस्त, 2019 के गैरकानूनी फैसले को खारिज करते हैं।’ उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करने और जम्मू-कश्मीर को विभाजित करने के फैसले से जनता पूरी तरह स्तब्ध और ठगा हुआ महसूस कर रही थी। पीडीपी अध्यक्ष ने कहा कि इस फैसले ने जम्मू कश्मीर के लोगों का देश से अलगाव और बढ़ा दिया और कश्मीर मुद्दे को और ज्यादा जटिल बना दिया।
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