न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर में दो मस्जिदों के बाहर की गई गोलीबारी के आरोपी ब्रेंटन टैरंट को कोर्ट ने आजीवन कैद की सजा सुनाई है। साथ ही कोर्ट ने सजा सुनाते हुए कहा कि कैद के दौरान आरोपी को पैरोल भी नहीं दी जाएगी। कोर्ट ने ऑस्ट्रेलियाई नागरिक टैरंट को 51 लोगों की हत्या का आरोपी माना। सुनवाई के दौरान टैरंट बिना हिले-डुले बैठा रहा और अपने खिलाफ गवाहों के बयानों को सुनता रहा। कुल 91 लोग इस हमले के गवाह थे और उन्होंने अपने खास लोगों को गंवाने को लेकर कोर्ट में बेहद ही मार्मिक बयान दिया। उन्होंने बताया कि किस प्रकार इस शख्स की वजह से उनके अपनों को उनकी आंखों के सामने ही जुदा होना पड़ा। गुरुवार को सुनवाई के दौरान क्राउन सॉलिसिटर ने आरोपी के लिए आजीवन कारावास की सजा और इस दौरान उसे पैरोल भी नहीं दी जाने की मांग की। वहीं, न्यायाधीश कैमरन मंडेर ने आरोपी को जेल में बंद कर उसकी चाबी को फेंकने पर सहमति व्यक्त की। हालांकि, सुनवाई के बाद न्यायाधीश इस नतीजे पर पहुंचे की आरोपी को बिना पैरोल के आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाएगी। न्यायाधीश मंडेर ने आरोपी को सजा सुनाते हुए कहा, ‘हर एक हत्या के बारे में पीछे जाकर सोचना भी दुखदाई है, हालांकि तुम एक हत्यारे नहीं हो बल्कि एक आतंकवादी हो। तुम्हारे द्वारा किए गए कृत्य अमानवीय है। तुमने एक तीन साल के मासूम की भी हत्या की, जो अपने पिता की टांगों से चिपका हुआ था।’ न्यायाधीश मंडेर ने इस हमले में जान गंवाने वाले और घायल लोगों को मौखिक श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, अदालत का ध्यान जवाबदेही, निंदा और समुदाय की सुरक्षा के लिए केंद्रित होना चाहिए।
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