अहमदाबाद शहर के कोट इलाके में पिछले छह साल में बनाए गए १०७३ गैरकानूनी निर्माणकार्य के कारण अहमदाबाद शहर विश्व के हेरिटेज सीटी के टेग से वंचित रहे तो आश्चर्य नहीं होगा । क्योकि युनेस्को द्वारा अहमदाबाद म्युनिसिपल कोर्पोरेशन के पास कहा गया हैं कि यह इलाकों में कोमर्शीयल निर्माणकार्य नहीं हो तथा मोन्युमेन्ट्स के आसपास के अतिक्रमण को हटाया । मिली जानकारी के अनुसार २ जुलाई से १२ जुलाई के दौरान पोलेन्ड के कारको में युनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज कमिटी की बैठक का आयोजन किया गया हैं । इस बैठक में अहमदाबाद वैसे तो डोजीयर वापस भेजने के साथ ही रेस से बाहर निकल गया था । फिर भी म्युनिसिपल सत्ताधिकारी अभी ऐसे प्रयास कर रहे है कि अहमदाबाद में चर्चा हो इसके लिए वह केन्द्र सरकार के दबाव की भी मदद लेंगे । दूसरी तरफ म्युनिसिपल कोर्पोरेशन के सत्तावार सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार युनेस्को द्वारा डोजीयर को लेकर कई बाते स्पष्ट कर दी गई हैं । उसमें शहर में कोट इलाके में पिछले छह साल से निर्माण किए गए गैरकानूनी निर्माणकार्य भी शामिल हैं । अहमदाबाद म्युनिसिपल कोर्पोरेशन द्वारा साल २०११ के साल से अहमदाबाद को विश्वस्तर के शहर का दरज्जा दिया जाए इसके लिए प्रयास जारी हैं । जिस साल पहली बार अहमदाबाद शहर के लिए दावा किया गया था उस साल शहर के कोट इलाके में ३९८ गैर कानूनी निर्माण कार्य मौजूद थे । जिसे तोड़ने के लिए मध्यजोन एस्टेट द्वारा नोटिस भी दी गई थी । जिसके बाद पिछले साल म्युनिसिपल कोर्पोरेशन द्वारा गुजरात हाईकोर्ट में कोट इलाके में बनाए गए गैरकाननी निर्माणकार्य लेकर एफिडेविट की गई थी । जिसमें कोट इलाके में ६९२ गैरकानूनी बांधकाम बन गए थे । युनेस्को की कमिटी ने कोट इलाके में कोमर्शीयल निर्माणकार्य नहीं करने और मोन्युमेन्ट्स की आसपास अतिक्रमण हटाया जाएगा एसी लिखित में मांगी कोर्पोरेशन से की थी ।