नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में बलात्कार पीड़िता को जलाये जाने की घटना पर चर्चा के दौरान शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस के कुछ सदस्यों और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच तीखी नोंकझोक हुई। सत्ता पक्ष ने ‘‘धमकी भरे लहजे में पेश आने’’ के लिए मुख्य विपक्षी दल के दो सदस्यों टी एन प्रतापन एवं डीन कुरियाकोस से माफी मांगने और ऐसा नहीं करने पर उन्हें निलंबित करने की मांग की।
महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बलात्कार जैसी घटनाओं पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। स्मृति ने ऐसी घटनाओं को लेकर कांग्रेस के साथ साथ तृणमूल कांग्रेस पर भी निशाना साधा। स्मृति के बयान का कांग्रेस के कुछ सदस्यों ने कड़ा विरोध किया और इनके बीच तीखी नोकझोंक हो गयी। कांग्रेस के सदस्य टी एन प्रतापन को आक्रामक तेवर में आसन की ओर बढ़ते तथा केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की ओर संकेत कर कुछ कहते देखा गया।
कांग्रेस के इन सदस्यों के सदन में मौजूद नहीं रहने और सत्तारूढ़ सदस्यों द्वारा माफी की मांग पर अड़े रहने के बीच लोकसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बज कर करीब 45 मिनट पर सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। दरअसल, कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने शून्यकाल के दौरान उन्नाव की घटना का उल्लेख करते हुए कहा कि आज हम एक तरफ राम मंदिर बनाने जा रहे हैं तो दूसरी तरफ देश में ‘सीताएं जलाई जा रही हैं ।’