महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर काफी उठक-पठक हो रही है। भाजपा शिवसेना और गठबंधन पर हमला बोल रही है। वैसे में शिवसेना भी भाजपा के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए पलटवार कर रही है और सवाल खड़े कर रही है। वैसे तो आज शिवसेना-एनसीपी और कांग्रस राज्यपाल से किसानो के मामले को लेकर मिलने वाले है। अब मिलने के बाद क्या होता है ये सबको जानने की उत्सुकता है। महाराष्ट्र में कई हफ्तों से चल रहा सियासी नाटक धीरे-धीरे सुलझने की ओर बढ़ता दिख रहा है। एक ओर जहां कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनती दिख रही है, वहीं सरकार बनाने से एक बार इनकार कर चुकी बीजेपी भी अब दावा कर रही है। ऐसे में पूर्व सहयोगी शिवसेना के निशाने पर पार्टी आ गई है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में बीजेपी पर जमकर हमला बोला है।
सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि राज्य में नए समीकरण बनता देखकर कई लोगों के पेट में दर्द शुरू हो गया है। पार्टी ने कहा है, ‘कौन वैसे सरकार बनाता है देखता हूं, अपरोक्ष रूप से इस प्रकार की भाषा और कृत्य किए जा रहे हैं। ऐसे शाप भी दिए जा रहे हैं कि अगर सरकार बन भी गई तो वैसे और कितने दिन टिकेगी देखते हैं। ऐसा ‘भविष्य’ भी बताया जा रहा है कि 6 महीने से ज्यादा सरकार नहीं टिकेगी। ये नया धंधा लाभदायक भले हो लेकिन ये अंधश्रद्धा कानून का उल्लंघन है।
शिवसेना ने तीखे लहजे में कहा है, हम महाराष्ट्र के मालिक हैं और देश के बाप हैं, ऐसा किसी को लगता होगा तो वे इस मानसिकता से बाहर आएं। ये मानसिक अवस्था 105 वालों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। ऐसी स्थिति ज्यादा समय रही तो मानसिक संतुलन बिगड़ जाएगा और पागलपन की ओर यात्रा शुरू हो जाएगी।
सेना ने सवाल किया है कि जब पहले बीजेपी सरकार बनाने से इनकार कर चुकी है तो अब कैसे बहुमत मिलने का विश्वास जता रही है। संपादकीय में कहा गया है- ‘पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बीजेपी की सरकार आने का दावा किया है लेकिन बीजेपी राज्यपाल से मिलकर साफ कह चुकी है कि उनके पास बहुमत नहीं है। जो बहुमत उनके पास पहले नहीं था वह राष्ट्रपति शासन के बाद कैसे मिलेगा।
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