जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त को भारत सरकार ने आर्टिकल 370 हटाने के साथ ही उसका विशेष दर्जा खत्म कर दिया था। भारत के इस कदम से पाकिस्तान बुरी तरह से बौखला गया। प्रधानमंत्री इमरान खान ने अन्य देशों का समर्थन हासिल करने के लिए पूरा जोर लगा दिया, लेकिन उन्हें मुंह की खानी पड़ी। इमरान आतंकवाद को लेकर तो आलोचनाओं का सामना कर ही रहे हैं, साथ ही उनके देश में महंगाई सहित कई अन्य समस्याएं हैं जिनसे वे त्रस्त है। तमाम परेशानियों से जूझ रहे इमरान के लिए एक राहत की खबर है। जॉर्डन की एक संस्था रॉयल इस्लामिक स्ट्रेटेजिक स्टडीज सेंटर ने इमरान को ‘मुस्लिम मैन ऑफ द ईयर’ के अवार्ड से नवाजा है। संस्था ने क्रिकेट के क्षेत्र में उनके योगदान और राजनीति में करिअर को अहम बताया है। इमरान के अलावा अमेरिकी नेता राशिदा तैलब को वूमैन ऑफ द ईयर का अवार्ड दिया गया है।
संस्था का कहना है कि इमरान ने पहले क्रिकेट जगत में अपना और देश का नाम रोशन किया और वल्र्डकप भी जीता। इसके बाद जब वे राजनीति में उतरे तो सीधे देश के प्रधानमंत्री बन गए. ऐसे में उनका जीवन मुस्लिम लोगों के लिए प्रेरणादायी रहा है। खास बात ये है कि संस्था ने जम्मू कश्मीर को लेकर इमरान के रुख की भी सराहना की है। संस्था ने कहा कि इमरान ने कश्मीर के मसले पर भारत से बात करने की कोशिश की है, हालांकि उनके मनमुताबिक नतीजा सामने नहीं आया था। यह संस्था हर साल प्रभावशाली मुस्लिम लोगों की लिस्ट निकालती है। संस्था की ओर से टॉप 500 मुस्लिम लोगों की मैग्जीन निकाली जाती है। पिछले साल संस्था ने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन को मुस्लिम मैन ऑफ द ईयर का अवार्ड दिया था।
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