अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी शनिवार को अमेरिका के दौरे पर जाने वाले हैं, जहां वह 9 सितंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। सूत्रों ने शुक्रवार को एक न्यूज चैनल को बताया कि गनी के साथ 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी अमेरिका जाएगा। काबुल द्वारा अमेरिका-तालिबान समझौते पर निराशा व्यक्त करने के बाद गनी इस दौरे पर जा रहे हैं। ज्ञात हो कि अमेरिका अफगानिस्तान में 28 सितंबर को होने वाले होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले अंतर-अफगान वार्ता करने को लेकर दबाव बना रहा है। गनी के इस दौरे को इससे भी जोड़कर देखा जा रहा है।
अमेरिका ने अफगानिस्तान से अपने 15 हजार सैनिकों को वापस बुलाने का विचार रखा था। इससे पहले अमेरिका ने विशेष दूत नियुक्त किया और तालिबान से बात करने के लिए भेजा। हालांकि यह बात राष्ट्रपति गनी को बिल्कुल पसंद नहीं आई। अमेरिका के विशेष दूत ज़लमी खलीलज़ाद और तालिबान के बीच राजधानी दोहा में करीब एक साल तक बैठकों का दौर चला था। इस बातचीत का मकसद अफगानिस्तान में अमेरिका की 18 साल की जंग को खत्म करना है।
तालिबान ने खलीलजाद से यह भी वादा कि या कि वह शांति स्थापित करने में मदद करेंगे लेकिन हाल ही में काबुल में हुए हमले के बाद अमेरिका के प्रस्ताव को झटका लगा है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने पहले कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि अफगानिस्तान में 28 सितंबर को होने वाले चुनाव से पहले एक सितंबर तक शांति समझौते को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। दोहा में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि समझौते को लगभग अंतिम रूप दे दिया गया है लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि इसमें अभी क्या रूकावटें आ रही हैं।