उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर के एक लॉ कॉलेज की छात्रा के कथित यौन उत्पीड़न मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं । सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिए हैं कि वह पीड़िता को किसी अन्य कॉलेज में शिफ्ट करें । बताते चलें कि इस मामले में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता और पूर्व मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर लॉ कॉलेज की छात्रा का यौन उत्पीड़न करने का आरोप है । सुप्रीम कोर्ट ने इस केस की सुनवाई करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि वह आरोपों की जांच कराने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करे । इसके अलावा हाई कोर्ट को निर्देश दिए गए हैं कि वह मामले की मॉनिटरिंग के लिए एक बेंच का गठन करे । साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार को कहा है कि वह छात्रा को किसी और कॉलेज में शिफ्ट कर दे । सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मामले में कोई राय नहीं दे रहा है । गौरतलब है कि लॉ की २३ साल की इस छात्रा ने २४ अगस्त को फेसबुक पर एक विडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने पूर्व केंद्रीय मंत्री पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने पीड़िता समेत कई लड़कियों का यौन शोषण किया है । उसने यह भी दावा किया कि उसके पास इसके सबूत हैं । यह विडियो पोस्ट करने के बाद छात्रा गायब हो गई थी । शाहजहांपुर पुलिस ने २५ अगस्त को चिन्मयानंद के कानूनी सलाहकार ओम सिंह की शिकायत पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ जबरन वसूली और सूचना तकनीक ऐक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी । इससे पहले शुक्रवार को यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि चिन्मयानंद के खिलाफ उत्पीड़न के आरोप लगाने के बाद लापता हुई कानून की छात्रा राजस्थान में मिली है । सुनवाई के दौरान पीड़िता के वकील ने अदालत को बताया कि उसे राजस्थान के दौसा में बरामद किया गया । इसके बाद महिला वकील ने कोर्ट से गुजारिश की कि उसे पीड़िता से मिलना चाहिए ।