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गुजरात में कांगो बुखार के और एक मरीज की हुई मौत

गुजरात में कांगो बुखार के नये-नये केस सामने आ रहे है जिसकी वजह से खलबली मच गई है । एक तरफ मौसमी महामारी ने आतंक मचाया है जबकि दूसरी तरफ कांगो बुखार ने भी दहशत फैला दी है । यूपी और बिहार के मरीजों के केस सामने आने पर सनसनी मच गई । दूसरी तरफ अहमदाबाद सिविल में और एक केस पॉजिटिव आया है जबकि एक का रिपोर्ट नेगेटिव आया है । आधिकारिक रूप से तीन मौत हुई है और आज और एक मौत हुई है जबकि बड़ी संख्या में केस होने के अनधिकृत रिपोर्ट आ रहे है । कांगो महामारी को फैलने से रोकने के लिए गुजरात सरकार द्वारा कई कदम उठाये गये है । राजकोट में भारी बारिश बाद शहर में महामारी फैल गई है । सबसे ज्यादा बुखार-सर्दी और उल्टी-दस्त के केस में लगातार वृद्धि हुई है । पिछले एक ही सप्ताह में ३५० से ज्यादा मरीज सरकारी चोपडे में दर्ज किए गए हैं । जबकि गोंडल रोड चौकड़ी के पास पीरवाडी में रहते २४ वर्ष के मुस्लिम युवक की डेंगू से मौत होने से सनसनी मच गई । दूसरी तरफ राजकोट सिविल अस्पताल में कांगो बुखार के १२ संदिग्ध केस दर्ज होने से पूरे सरकारी तंत्र विशेष करके स्थानीय स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है । यूपी के निवासी यह सभी मरीज के ब्लड के सैंपल जांच के लिए पूना लेबोरेटरी में भेजा गया है और रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है । कांगो बुखार के संदिग्ध १२ मरीज फिलहाल राजकोट सिविल में उपचार के तहत है । सभी मरीज यूपी के निवासी है । हलवद पॉलिमर्स यूनिट में काम करते १५ व्यक्ति संदिग्ध मालूम होने पर तीन मरीज को अहमदाबाद उपचार के लिए भेजा गया है । जिसमें दो केस पॉजिटिव आने पर प्रशासन सक्रिय हो गया है । बाकी के १२ मरीज राजकोट सिविल अस्पताल में उपचार के तहत है । मोरबी स्वास्थ्य विभाग द्वारा पॉलीमर्स के पास इतरडी के भी सैंपल लिया गया है और आसपास में दवाई का छिड़काव किया गया है । प्राप्त जानकारी के अनुसार पीरवाडी में रहते हुसैन इब्राहीमभाई जुणेजा (उम्र.२४) को बुखार आने की वजह से चार दिन पहले सिविल में भर्ती कराया गया था । जहां युवक की ब्लड के सैंपल लेने पर इसे डेंगू होने की रिपोर्ट आने पर डॉक्टरों ने उपचार शुरू किया । चार दिन के उपचार बाद गुरुवार को परिजनों ने अस्पताल से छुट्टी लेकर हुसैन को घर लेकर चले गये । अब रास्ते में फिर से वह बेहोश जाने पर वापस सिविल अस्पताल लाया गया । लेकिन डॉक्टर्स द्वारा इसे मृतक घोषित किया गया । दूसरी तरफ राजकोट स्वास्थ्य विभाग द्वारा महामारी को नियंत्रण में लेने के लिए शहर के अलग-अलग ५५ से ज्यादा पानी भरे हुए या गड्डेवाली जगहों और स्थानों पर दवाई का छिड़काव किया गया । इसके साथ ही ४२३८ घरों में एंटीसाइकोटिक दवाई का छिड़काव और ७५७ घरों में फोगिंग की कार्रवाई की गई थी । अलग-अलग क्षेत्र में स्थित गड्डा, कुआं सहित के ३०३ स्थलों पर पोराभक्षक गप्पी मछली भी तैरती छोड़ दी गई । प्रशासन के कई प्रयासों के बावजूद भी राजकोट में महामारी फैलने से लोगों में दहशत फैल गई ।

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