गुजरात एलिजिबिलिटी कम एंट्रेस टेस्ट यानी नीट के नतीजे पर लगी रोक पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया । सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई को रिजल्ट जारी करने का आदेश दिया हैं । सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के रोक को हटाने का आदेश दिया हैं । तीन हफ्ते पहले मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने ८ जून को घोषित होने वाले रिजल्ट पर रोक लगा दी थी । इशके बाद सीबीएसई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी । इस रोक का असर १२ लाख कैंडिडेट्स रीजनल लैंग्वेज के जरिए इसमें शामिल हुए थे । उच्च न्यायालय ने २४ मई को कई याचिकाओं पर नीट परिणाम के प्रकाशन पर अंतरिम रोक लगाई थी । याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि परीक्षा में एक जैसा प्रश्नपत्र नहीं दिया गया और अंग्रेजी तथा तमिल भाषाओं के प्रश्नपत्रों में बहुत अंतर हैं । सीबीएसई ने न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की अवकाशपीठ के सामने इस मामले का उल्लेख किया और कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश के कारण काउंसलिंग का पूरा कार्यक्रम और इसके बाद मेडिकल पाठ्यक्रमों में नीट के जरिए प्रवेश में अवरोध पैदा हो गया हैं । सीबीएसई की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल मनिंदर सिंह ने पीठ से कहा कि नीट परीक्षा २०१७ बोर्ड द्वारा आयोजित की गई और इसमें करीब १२ लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया । शीर्ष अदालत ने कहा कि वह १२ जून को इस मामले को सुनेगी जो एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों के करीब १२ लाख अभ्यर्थियों के भविष्य से जुड़ा हैं । करीब साढ़े दस लाख छात्रों ने हिन्दी या अंग्रेजी भाषा में परीक्षा दी थी जबकि करीब सवा से डेढ़ लाख छात्रों ने आठ क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा में बैठे थे । सिंह ने विभिन्न उच्च न्यायालयों की याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानान्तरित करने का भी अनुरोध किया ।