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सुषमा श्रद्धांजलि: पक्ष हो या विपक्ष, सभी की आंखें डबडबा गयीं!!!

भाजपा की तेजर्रार, प्रखर वक्ता, विदुषी, देश की महिला नेताओं में सबसे लोकप्रिय नेता सुषमा स्वराज के निधन पर पक्ष विपक्ष और देश के करोड़ों चाहने वाले उनके प्रशंसकों की आंखे डबडबा गयीं। विदेश के कई राष्ट्र प्रमुखों और प्रतिनिधियों ने सुषमा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। दिल्ली जंतर मंतर स्थिति उनके निवास स्थान पर एम्स से जब मंगलवार रात्रि को तकरीबन 12.20 बजे उनका पार्थिव पहुंचा तभी से उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। बुधवार सुबह तकरीबन पौने एक बजे उनका पार्थिव शरीर भाजपा के राष्ट्रीय मुख्यालय के लिए प्रस्थान किया गया। भाजपा मुख्यालय लगभग एक बजे उनका पार्थिव शरीर पहुंचा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने सुषमा के आवास पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अपनी पूर्व सहयोगी का पार्थिव शरीर देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद भावुक हो गए और उनकी आंखें डबडबा गईं। प्रधानमंत्री ने बेहद गमगीन माहौल में सुषमा की बेटी बांसुरी स्वराज के सिर पर हाथ फेर कर उनका ढांढस बंधाया। वहीं कुछ देर बाद पहुंचे बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सुषमा के पार्थिव शरीर को शांत खड़े निहारते रहे। देश के गृहमंत्री अमित शाह सुबह उनके निवास स्थान पर पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

विपक्षी के लगभग सारे प्रमुख नेताओं ने उनके निवास स्थान पर पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। जिसमें कांग्रेस की सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मुलायम सिंह यादव, रामगोपाल यादव, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, त्रिणमूल कांग्रेस के डेका, आदि पक्ष और विपक्ष के नेताओं ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी। भाजपा ही नहीं, विरोधी दलों के नेता भी उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे। समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव तो सुषमा को श्रद्धांजलि देते हुए बेहद भावुक हो गए और रोने लगे। कुछ देर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुषमा के आवास पर पहुंचे। अपनी पार्टी की बेहद तेज तर्रार और लोकप्रिय नेता को इस तरह शांत देख वह भावुक हो गए और उनकी आंखें छलक आईं। मोदी इस दौरान सुषमा की बेटी को सांत्वना देते रहे।

कद्दावर नेता, कुशल वक्ता होने के साथ-साथ सुषमा स्वराज अपने सरल स्वभाव के लिए भी जानी जाती थीं। इसके साथ देश के लोगों के प्रति उनका मातृत्व भाव भी किसी से छिपा नहीं है। अपने विदेश मंत्री के कार्यकाल में उन्होंने कई ऐसे काम किए, जिसने लोगों के दिलों को छू लिया। कभी पासपोर्ट में दिक्कत तो कभी विदेशों में फंसे भारतीयों को छुड़ाना। अक्सर ऐसे मामलों में सुषमा व्यक्तिगत तौर पर मदद के लिए आगे आ जाती थीं। पाकिस्तान की जेल में बंद हामिद अंसारी हों या पाक से लौटीं गीता। सुषमा स्वराज ने हर जरूरतमंद भारतीय की एक मां की तरह चिंता की। आज गीता और अंसारी दोनों सुषमा के निधन पर अपने आंसू नहीं रोक पा रहे थे।

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