उन्नाव ऐक्सिडेंट में मारे गए रेप पीड़िता का परिवार अब धरने पर बैठ गया है । लखनऊ के केजीएमयू के बाहर धरने पर बैठी पीड़िता की बहन ने कहा कि जब तक उनके चाचा को परोल नहीं दी जाएगी वे लोग परिवार के मृतकों का दाह संस्कार नहीं करेंगे । परिवार की ओर से परोल की मांग की गई थी जिसे जिला प्रशासन ने यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि उन्हें परोल देने का अधिकार नहीं है । उन्नाव रेप पीड़ित का ऐक्सिडेंट २८ जुलाई को रायबरेली में हो गया था । इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी । कुछ मामलों के ट्रायल जारी है । पिड़िता की बहन ने कहा कि जब तक उन्हें पेरोल पर रिहा नहीं किया जाता तब तक वे लोग मृतकों का दाह संस्कार नहीं करेंगे । पीड़ितों के समर्थन में कई अन्य लोग भी धरने पर बैठ गए है । केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर के बाहर सैकड़ों लोग मौजूद है । पीड़ित की चाची और मौसी के शव पोस्टमॉर्टम के बाद लखनऊ के मुर्दाघर में रखे गए है । दाह संस्कार पीड़िता के चाचा को ही करना है । वह फिलहाल रायबरेली जेल में बंद है । परोल के लिए सोमवार दोपहर उन्नाव के जिला मैजिस्ट्रेट देवेंद्र पांडेय की अदालत में अर्जी दाखिल की गई थी । जिला मैजिस्ट्रेट ने कहा कि पीड़िता के चाचा रायबरेली जेल में बंद है । उन्हें सजा हो चुकी है और सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की गई है । सरकारी आदेश के तहत अपील वाले केसों में परोल देने का प्रावधान नहीं है, इसलिए वह असमर्थ है ।