केंद्र की मोदी सरकार की तर्ज पर निष्क्रिय कार्मिकों को जबरन सेवानिवृत्त करने की राज्य सरकार ने भी तैयारी कर ली है। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सभी सचिवों व विभागाध्यक्षों को इसके लिए आदेश जारी कर दिया है। अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी ने कहा कि मुख्य सचिव ने सभी विभागों को इसके लिए स्क्रीनिंग कमेटी की बैठकें हर हाल में नवंबर तक करने के आदेश दिए हैं।
राधा रतूड़ी ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने 50 वर्ष की आयु पूरी कर ली है, उनकी सर्विस बुक और उनकी छवि के आधार पर उनकी सेवानिवृत्त को लेकर फ़ैसला किया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत कई मौकों पर इस बात को कह चुके हैं कि नॉन परफार्मर और भ्रष्ट अधिकारियों-कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। इसी माह कार्मिक विभाग की ओर से विभिन्न विभागों को निर्देश जारी कर ऐसे कर्मचारियों का ब्यौरा मांगा गया था।
इस छंटनी की जद में सबसे पहले वे विभाग आएंगे जहां कर्मचारियों की संख्या अधिक है। इनमें शिक्षा, स्वास्थ्य, पीडब्लूडी, सिंचाई, ऊर्जा निगम, शहरी विकास जैसे विभाग शामिल हैं। मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह कह चुके हैं कि एक पारदर्शी और चुस्त प्रशासनिक व्यवस्था, बेहतर सुविधाएं पाना हर नागरिक का अधिकार है। इसके लिए जरूरी है कि अनुपयोगी कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाए।