मद्रास हाई कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी की याचिका खारिज कर दी। नलिनी ने याचिका के जरिए कोर्ट से राज्यपाल को समयपूर्व रिहाई का निर्देश देने का अनुरोध किया था। डिविजन बेंच की जस्टिस आर सुबैया और सी सर्वनन ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत किसी प्रदेश के राज्यपाल को पूर्ण छूट हासिल है और इसलिए राज्यपाल को कोई निर्देश नहीं दिया जा सकता है।
पीठ ने कहा कि कानून राज्यपाल को उनके संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन में पूर्ण प्रतिरक्षा और विशेषाधिकार प्रदान करता है। बता दें कि नलिनी के वकील ने दावा किया था कि कोर्ट, राज्यपाल को आदेश दे सकता है। नलिनी इन दिनों 30 दिन पर परोल पर बाहर हैं। पिछले दिनों नलिनी ने अपनी बेटी की शादी करने के लिए हाई कोर्ट से 6 महीने का परोल मांगने वाली याचिका दायर की थी लेकिन हाई कोर्ट ने उनकी याचिका का निस्तारण करते हुए उन्हें एक महीने का परोल ही मंजूर किया था।
नलिनी पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में छह अन्य दोषियों के साथ उम्रकैद की सजा काट रही हैं। नलिनी को राजीव गांधी हत्याकांड में मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में तमिलनाडु सरकार ने 24 अप्रैल, 2000 को इसे उम्रकैद की सजा में बदल दिया। नलिनी का दावा है कि मौत की सजा उम्रकैद में बदलने के बाद से 10 साल या उससे कम समय की सजा काट चुके करीब 3,700 कैदियों को राज्य सरकार रिहा कर चुकी है।