गुजरात विधानसभा के प्रश्नकाल में मोरारीबापू के नाम का उल्लेख होने पर एक समय सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया । कांग्रेस ने मोरारी बापू के नाम पर राशनकार्ड बनाकर अनाज का जत्था उठाया जाता है यह आरोप लगाते हुए कांग्रेस-भाजपा आमने-सामने आ गये और भारी हंगामा हो गया । अध्यक्ष के कहने के बाद माहौल सामान्य हो गया । विवादास्पद प्रश्न के निर्णय अध्यक्ष द्वारा स्थगित रखा गया । दूसरी तरफ मुख्यमंत्री विजय रुपाणी और उपमुख्यमंत्री ने विपक्ष को माफी मंगवाने के लिए दवाब बनाया गया । उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल तो कांग्रेस पर काफी बिगड़ गये और उन पर निशाना साधते हुए कहा कि, हिन्दू संतों को बदनाम करने का कांग्रेस यह साजिश करता है ।
सस्ता अनाज की दुकानों में अनाज माफियाओं द्वारा फर्जी नाम इस्तेमाल करके अनाज का जत्था उठाते है, एक प्रश्न में कांग्रेस द्वारा मोरारीबापू के नाम का उल्लेख किया गया । जिसका सरकार की तरफ से विरोध किया गया और ऐसे मामलों में हिन्दू संस्कृति के संतों को बदनाम करने का प्रयास कांग्रेस द्वारा किया जाता है यह नाराजगी सरकार की तरफ से व्यक्त किया गया है ।
हालांकि, उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल भी प्रश्न से नाराज हो गये और उन्होंने यह मुद्दे को गंभीर मानकर विपक्ष कांग्रेस ने उठाये प्रश्नों का सबूत सदन में पेश करे या तो माफी मांगे यह आग्रह रखा गया । सस्ता अनाज गरीबों के लिए योजना में बायोमेट्रिक इलेक्ट्रिक थम्ब का फोटो उपयोग करके मोरारीबापू के नाम पर अनाज ले जाने की घटना के विरूद्ध सरकार ने क्या कदम उठाये है ऐसे प्रश्न पूछने पर नाराज हुए नीतिन पटेल ने नाराज होकर विपक्षी नेता के पास यह मुद्दे की सबूत के प्वाइंट मांगा था इतना ही नहीं राशनकार्ड सदन में पेश करना तथा अन्य सबूत देने की मांग की थी । उन्होंने मोरारीबापू के बचाव करते हुए बताया कि, आपने मोरारीबापू क्यों याद आते है । वास्तव में कांग्रेस हिंदू संतों को बदनाम करने की साजिश करता है यह आरोप लगाने से सदन का माहौल तनावपूर्ण हो गया ।
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