केंद्र सरकार ने १६७ परिवर्तनकारी विचारों की एक लिस्ट तैयार की है जिनसे संबंधित कार्य मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले १०० दिनों में निपटा लिए जाने का लक्ष्य है । इनमें देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में ३ लाख फैकल्टीज के खाली पड़े पदों को भरने की कवायद भी शामिल है । १५ अक्टूबर को मोदी सरकार २.० के सौ दिन पूरे हो जाएंगे । कैबिनेट सेक्रटरी प्रदीप सिन्हा ने १० जुलाई को सभी सचिवों को संदेशे भेजे जो सचिवों के क्षेत्रीय समूहों की सिफारिशों पर आधारित थे । इन सिफारिशों पर मंत्रियों के समूहों की रायशुमारी हुई और फिर सरकार के १०० दिनों के कार्यक्रम के तौर पर १६७ परिवर्तनकारी विचारों को लागू करने का फैसला हुआ । कैबिनेट सेक्रटरी के नोट में इन आइडियाज को लागू करने की अवधि ५ जुलाई से १५ अक्टूबर बताई गई है । इसमें बताया गया कि मंत्रालयों द्वारा कई चरणों में प्रजेंटेशन देने और इन पर उच्च स्तरीय विवेचना के बाद १०० दिनों के अंदर पूरा किए जाने वाले महत्वपूर्ण कायोर्ं की सूची तैयार की गई । इन आइडियाज पर चल रहे कायोर्ं की सीधी निगरानी संबंधित मंत्रालयों के सचिव करेंगे । वे हर शुक्रवार को शाम ५ बजे तक कार्य की स्टेटस रिपोर्ट कैबिनेट सेक्रटरी को भेजेंगे । सभी मंत्रालयों को कार्य की प्रगति दर्शाने वाले डैशबोड्र्स लगाने को भी कहा गया है ताकि इन पर सबकी नजर रहे । कहा जा रहा है कि चयनित प्रमुख परियोजनाओं में ज्यादातर प्रशासनिक सुधारों के कई कार्यक्रम शामिल हैं ।
सरकार का जोर केंद्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण एवं निगरानी व्यवस्था (सेंट्रलाइज्ड पब्लिक ग्रिवांसेज रीड्रेसल ऐंड मॉनिटरिंग सिस्टम) को दुरुस्त करने पर है । इसके तहत आम जन की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई और निपटान की व्यवस्था सुनिश्चित करना है । सरकार नैशनल ई-सर्विसेज डिलिवरी असेसमेंट और केंद्रीय सचिवालय के लिए एक नया ऑफिस मैनुअल और ऑफिस प्रसीजर तैयार कर रही है । इसी तरह, मानव संसाधन विकास मंत्रालय को देशभर के उच्च शिक्षा संस्थानों में खाली पड़े ३ लाख फैकल्टीज के पद भरने के लिए १०० दिनों के अंदर बड़े पैमाने पर अभियान छेड़ने की जिम्मेदारी दी गई है । वहीं, संस्कृति मंत्रालय को नेहरू स्मारक और पुस्तकालय में देश के प्रधानमंत्रियों का म्यूजियम ढांचा तैयार कर लेने को कहा गया है । साथ ही, उस पर लाल किले पर तीन नए बैरक म्यूजियम के उद्घाटन समेत महात्मा गांधी की १५०वीं जयंती समारोह से संबंधित कुछ काम को भी अंजाम देने की जिम्मेदार है ।
१०० डे प्लान के पीछे विचार यह है कि मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के लक्ष्यों को तय करने और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करने में कोई कोताही नहीं बरतना चाहती है ।