भारतीय रेल अब निजी ट्रैक पर चलने की राह पर चल चुकी है। पहली बार रेलवे ने पूर्ण रूप से ट्रेनों के कोच निर्माण, ट्रैक निर्माण के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी का प्रस्ताव बजट में किया है। तीव्र विकास सुनिश्चित करने का हवाला इसके लिए दिया गया है। पूरे रेलवे का इंफ्रास्ट्रक्चर ठीक करने के लिए सरकार ने 2030 तक 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान लगाया। बजट में 2022 तक डेडीकेटेट फ्रेट कॉरिडोर निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा। इस कॉरिडोर के तैयार होने के बाद रेल यात्रियों के लिए चलने वाली ट्रेनें सरपट दौड़ेंगी क्योंकि मालगाड़ी डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर चलेगी।