गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एन.बी.एफ.सी.) के नकदी संकट से जूझने के चलते चालू वित्त वर्ष में आवासीय ऋण (होम लोन) की वृद्धि दर 13-15 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो पिछले 3 साल के औसत से कम होगा। रेटिंग एजैंसी इक्रा ने अपनी एक रिपोर्ट में आगाह किया है कि बाकी आवासीय ऋण पर भी इसका नकारात्मक असर देखने को मिल सकता है। मार्च, 2019 में यह आंकड़ा 19.1 लाख करोड़ रुपए का था। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल सितम्बर से डी.एच.एफ.एल. और रिलायंस कैपिटल सहित आवास के लिए कर्ज देने वाली कंपनियों के समक्ष नकदी संकट के कारण वित्त वर्ष 2018-19 में ऐसी कंपनियों की ऋण वृद्धि घटकर 10 प्रतिशत रह गई।