आग उगलता सूरज हमें झुलसा रहा है, लेकिन सूरज की यही किरणें हमारे प्रदेश का भाग्य चमका सकती है! सौर ऊर्जा हमारे प्रदेश के पास एक ऐसी ताकत है जिसका सही उपयोग किया जाये तो न सिर्फ राजस्थान देश में चमकता हिरा साबित हो सकता है बल्कि देश को भी विश्व में अव्वल बनाया जा सकता है। जिस सूरज की तपन से हम परेशान होते हैं, यही झुलसा देने वाली सौर किरणें हमारे विकास की नई इबारत लिख सकती हैं। पिछले कुछ सालो में जब से हमने इस ओर सोचना शुरू किया तो बदले में सूरज ने भी हमें बहुत कुछ दिया। आज भी प्रदेश में जरुरत की करीब 15-20% बिजली इसी सौर ऊर्जा से बना रहे हैं। थोड़ी से जागरूकता और सक्रियता दिखाए तो आने वाले 10 सालों में यही सौर ऊर्जा हमारे देश को विश्व में अव्वल बना सकती हैं।सोलर जनरेशन में चीन सबसे बड़ा नाम है। करीब 150 गीगा बाइट के सोलर जनरेशन प्लांट चीन में लगे। यूएस और जापान जैसे देश भारत से आगे हैं। हमारे देश में वर्तमान में 28 गीगावाट के सोलर जनरेशन के प्लांट लगे हुए हैं।
भारत ने 2022 तक 100 गीगावाट सोलर जनरेशन प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा है। इसमें राजस्थान की भूमिका अहम है। यदि हम 2022 तक 100 गीगावाट का लक्ष्य हासिल कर लेते हैं तो 2028 तक हम विश्व में सोलर जनरेशन में बड़ा नाम होंगे। 1 किलोवाट का रूफ टॉप सोलर सिस्टम प्रतिदिन औसतन 5 यूनिट बिजली जेनेरेट करता हैं।अभी सोलर जनरेशन में हम देश में तीसरे स्थान में हैं। भड़ला सोलर प्लांट में इतनी क्षमता हैं तो वह प्रदेश की जरुरत की आधी बिजली बन सकता हैं। लेकिन सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर इस प्रकार का नहीं हैं कि वह पूरी बिजली का उपयोग कर सके। देश में राजस्थान और प्रदेश में भी पिश्चमी क्षेत्र में पुरे साल में अधिकांश सूरज की रोशनी होते हैं। ऐसे में यहाँ सोलर जनरेशन काफी अधिक हैं। बहार कि सोलर कम्पनीज जैसे कि लूम सोलर, लुमिनियस, माइक्रोटेक, विक्रम सोलर, वारी सोलर, अडानी सोलर राजस्थान में सोलर इंस्टालेशन के लिए आ रही हैं। पिछले तीन साल में राजस्थान का सोलर जनरेशन तीन गुना हो गया हैं। भड़ला जैसे एक सोलर प्लांट और आ जाये तो राजस्थान देश में नंबर वन होगा| राजस्थान में वह क्षमता हैं जो देश को सोलर जनरेशन में पहला स्थान दिला सकता हैं।