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परिसीमन बाद में, पहले धारा 370 हटाइयेजी, 303 सीटें है अब डर काहेका..?

लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा की नइ सरकार बन गई, अमितभाइ शाह नये गृहमंत्री बने है। एक के बाद एक मंत्रीगण और राज्यपाल उनसे मिलने पहुंच रहे है। जम्मु-कश्मिर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक भी शाह से मिले। कश्मिर के बारे में विशेष बैठक भी हुई और खबर आई की कश्मिर राज्य का नये सिरे से परीसीमन किया जायेंगा। बाद में कहा गया की नहीं…नहीं…ऐसी कोइ बात नहीं। सुरक्षा को लेकर बात चल रही है। नई सरकार के पास अपना खुद का 303 सीटोंवाला जनादेश है। कीसे के समर्थन की जरूरत नहीं। कीसी से पूछने जाने की भी आवश्यक्ता नहीं। और शाहजीने चुनाव में जोर-शोर से वादा किया था की जैसे ही मोदीजी के नेतृत्व में नई सरकार बनती है कश्मिर की धारा-370 तुरन्त दूर कर दी जायेंगी। देशने भाजपा को मोदीजी के नाम पर और काम पर 303 सीटों वाला प्रचंड बहुमत दिया है ताकि वे जल्द से जल्द वादे पर काम शरू करें। इसलिये कश्मिर को भारत से अलग करनेवाली धारा-370 तुरन्त दूर करें। परिसीमन तो बाद में हो सकता है। लेकिन सब से अहम मुद्दा 370 का है। जिसके लिये देशवासीयों ने मोदी-शाह पर भरोसा कर के भारी जनादेश दिया है।
नोर्थ ब्लोक और साउथ ब्लोक से खबरें आ रही है की कश्मिर राज्य के विधानसभा क्षेत्रो का नये सिरे से सीमांकन या परिसीमन करने की बात चल रही है। परिसीमन भी करें इसमें कीसी को कोइ हर्जा नहीं। लेकिन परिसीमन के बहाने धारा-370 को फिर एक कोने में न रख दी जाय ये भी देखना होंगा। परिसीमन करना कोइ लंबी या बडी बात नहीं। परिसीमन आयोग की रचना कर के ये काम किया जा सकता है। ये प्रसाशनिक काम है। कश्मिर के लिये जो सब से बडा मुदेदा है वह धारा 370 हटाना है। 2014 में भाजपा ने वादा किया था। 2019 तक पांच साल में इस पर कुछ नहीं हुवा और 2019 के चुनाव में फिर से वादा किया की ऐसी मजबूत सरकार बनावो की जो कडे से कडा फैंसला ले सके। लिजिये, मतदाताओं ने आप के मन की बात सुनी और 370 का कडा फैंसला लेने के लिये जनादेश दिया तब अब उस पर भी कुछ कार्यवाई हो और देश को लगे की ये सरकार नोटबंदी जैसे कडे निर्णय के साथ धारा 370 दूर करने का कडा निर्णय भी कर सकती है…!
चुनाव के वायदे सिर्फ वायदे ही नहीं होते उसे वास्विक अमलीजामा पहनाया जा सकता है ऐसा लोगों को लगना भी चाहिये। माना की बीतें पांच 370 के लिये मन नही माना लेकिन पीडीपी से अलग होने के बाद और कश्मिर की ताजा स्थिति को देखते हुये उसे भारत के साथ मिलाने के लिये 370 दूर करना ही होगा। भाजपा के शिर्ष नेता श्यामाप्रसाद मुखर्जीने कश्मिर के लिये ही अपना बलिदान दिया था। जहां हुये शहिद श्यामाप्रसादजी वह कश्मिर हमारा है…ईस तरह का नारा भी भाजपा ने दिया है बरसों से। श्यामाप्रसादजी को सच्ची श्रध्धांजंलि यही है की 370 मिटा दी जाय और भारत के लोग भी कश्मिर में रह सके, कारोबार कर सके, रोजगार कर सके ताकि जेसे दूध के ग्लास में शक्कर घूलमिल जाती है वैसे ही कश्मिर भी भारत के साथ एक हो जायेगा। कश्मिर के लोग भी कन्याकुमारी तक जा कर रह सकेंगे और कारोबार कर सकेंगे। परिसीमन की चोली के पीछे छीपी धारा 370 को बाहर लाकर लोकसभा में तो मोदीजी सरकार प्रस्ताव ला सकती है। 303 वाला इतना तो कर सकता है। एक बार लोकसभा में 370 हटाने का प्रस्ताव आये ताकी पत्ता चले की प्रतिपक्ष में कौन कहां खडा है…! जेलम नदी का पानी भी इन्तेजार में है की कब 370 हटें और वह भी गंगा-जमुना से जा मिले…!

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