केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विकास कार्यों के साथ पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा है कि मंत्रालय पंचतत्व की रक्षा करने के मूल मक़सद को प्राप्त करेगा। जावड़ेकर ने शनिवार को पर्यावरण मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी इस धारणा को ग़लत साबित किया कि विकास और पर्यावरण संरक्षण का काम एक साथ नहीं हो सकता है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और विकास की गति में तालमेल क़ायम करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुए पेरिस समझौते के मानकों का अनुसरण करते हुए मंत्रालय विकास और पर्यावरण के बीच संतुलन क़ायम करने के लक्ष्य को प्राप्त करेगा। उनके साथ पर्यावरण मंत्रालय में राज्य मंत्री बनाए गए बाबुल सुप्रियो ने भी कार्यभार ग्रहण किया। जावड़ेकर ने कहा कि मंत्रालय का मूल कार्य पंचतत्व पृथ्वी, वायु, जल, भूमि और आकाश की रक्षा करना है।
उन्होंने कहा, भारतीय जीवनशैली में पंचतत्व के महत्व को रेखांकित करने वाले प्रधानमंत्री मोदी के विचार को पेरिस समझौते की प्रस्तावना में शामिल किया गया। इसलिए पंचतत्व की रक्षा करना हमारा काम है, लेकिन कुछ लोग सोचते हैं कि तरक़्क़ी और पर्यावरण संरक्षण एक साथ नहीं हो सकते है, ऐसा सोचना ग़लत है। जावड़ेकर ने कहा कि पिछले पाँच साल से इस धारणा को ग़लत साबित करते हुए मंत्रालय ने काम किया है और इसे आगे भी सुचारू रखा जाएगा। उल्लेखनीय है कि जावड़ेकर पिछली सरकार में भी मई 2014 से जुलाई 2016 तक पर्यावरण मंत्री रहे है।