पुलवामा हमले के संबंध में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की तरफ से आए बयान के बाद भारत ने इस मामले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है । विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि पाक पीएम की प्रतिक्रिया पर कोई आश्चर्य नहीं है । बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने तो हमले की निंदा करना भी सही नहीं समझा । विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक पीएम ने तो जैश-ए-मोहम्मद के दावों को भी नजरअंदाज कर दिया । विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, हमें इस बात को लेकर कोई आश्चर्य नहीं है कि पाक पीएम ने पुलवामा में हमारे सैनिकों पर हुए हमले को आतंकी कार्रवाई मानने से इनकार कर दिया है । पाक पीएम ने न तो इस कायरता पूर्ण हमले की निंदा की और न ही हमले में मारे गए जवानों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की ।
मंत्रालय ने कहा, पाक पीएम ने तो जैश और आतंकियों के तरफ से किए गए दावों को भी नजरअंदाज कर दिया । यह बात सभी जानते हैं कि जैश-ए-मोहम्मद और इसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान में रहता है । विदेश मंत्रालय ने कहा, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत की तरफ से सबूत मुहैया कराने पर जांच की पेशकश की है । यह एक घिसापिटा बहाना है । मुंबई में हुए हमले के सबूत भी पाक को मुहैया कराए गए थे । लेकिन पिछले १० साल में उस केस में कोई प्रगति नहीं हुई है ।
बयान में कहा है कि इसके अलावा पठानकोट में हुए हमले के संबंध में सबूत दिए थे, लेकिन कोई प्रोग्रेस नहीं हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा, गारंटी से ऐक्शन की बात पाक के पुराने रेकॉर्ड के हिसाब से सही नहीं बैठती है। इस नए पाकिस्तान में वहां के मंत्री खुले तौर पर हाफिज सईद जैसे आतंकियों के साथ मंच साझा करते हैं। पाकिस्तान के पीएम ने आतंक पर बातचीत की इच्छा जाहिर की है। भारत यह बात पहले भी कई बार कह चुका है कि भारत दोनों देशों के बीच आतंक और हिंसा मुक्त माहौल में बातचीत को तैयार है ।