नैशनल एलिजीबिलीटी कम एऩ्ट्रन्स टेस्ट (एनईईटी-नीट) की हाल ही में ली गइ परीक्षा में गुजराती माध्यम के विद्यार्थियों को अन्याय हुआ होने का मुद्दा उपस्थित कर एक अरजन्ट रिट अर्जी गुजरात हाईकोर्ट में दाखिल हुई थी । जिसमें आज सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केन्द्र और राज्य सरकार समेत के संबंधितों को कारणदर्शक नोटिस जारी की हैं और आगे की जांच जून महीने में रखी गई हैं । सीबीएसई (सेन्ट्रल बोर्ड) द्वारा ७ मई के दिन ली गइ नीट की परीक्षा में गुजरात के विद्यार्थियों को भारी अन्याय हुआ है । क्योंकि उनकी परीक्षा में गुजराती और अंग्रेजी माध्यम में पूछे गए सवाल अलग अलग थे । इतना ही नहीं अंग्रेजी माध्यम से अधिक गुजराती माध्यम का पेपर मुश्किल था । जिसके कारण गुजराती माध्यम के विद्यार्थियों को इस परीक्षा में काफी अन्याय हुआ है । विद्यार्थियों को समान मौका और एक समान ट्रिटमेन्ट के सत्ताधिकारियों के दावे नीट की परीक्षा में गलत साबित हो गए है । सत्ताधिकारियों के भेदभाव वाले रवैये के कारण गुजराती माध्यम के विद्यार्थियों के परिणाम पर गंभीर असर होने की संभावना है । और इसके तहत होने वाले पीजी मेडिकल और डेन्टल के प्रवेश प्रक्रिया में भी गुजराती माध्यम के विद्यार्थियों को अन्याय होने की संभावना है । हाईकोर्ट में इस मामले में सत्ताधिकारियों को आवश्यक आदेश करने चाहिए । अर्जीकर्ता की पेशकश सुनने के बाद हाईकोर्ट ने उपरोक्त नोटिस दी हैं और आगे की सुनवाई जून महीने में रखी हैं।
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