भारत मेें जहां एक तरफ सरकार मरीजों के लिए दाम कम करने के लिए जेनरिक मेडिसिन को लाने की तैयारी कर रही है, तो वहीं भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डबल्युएचओ) के प्रतिनिधि हेंक बेकेडम ने कहा है कि इस कदम के सफलतापूर्वक लागू होने जाने से पूरी दुनियाभर में दवाओं के दाम कम हो जाएंगे । ५९ वर्षीय बेकेडम ने कहा कि मेक इन इन्डिया काफी महत्वपूर्ण हैं, इससे भारत अच्छे क्वालिटी की दवाओं को बडे पैमाने पर प्रोड्यूस करने लायक हो जाएगा । इससे भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में दवाओं के दामों में गिरावट दर्ज की जाएगी और लोग सस्ती दवाइओं को खरीद सकेंगे । भारत के इस कदम से सामान्य दवाइयों के दाम कम हो जाएंगे और ये सभी लोगों के लिए उपलब्ध होगी । बेकेडम ने कहा कि भारत में दवाइयों का ही खर्च बहुत अधिक है, यहां लोगों ने मेडिकल खर्च का दो तिहाई हिस्सा उनके खुद के पॉकेट से जाता है । इसी वजह से लोग इलाज और सर्जरी कराने से कतराते हैं । अगर हम अन्य देशों से तुलना करें तो स्वास्थ्य पर सरकार जीडीपी का केवल १ प्रतिशत ही खर्च करती है, बाकी लोग खुद ही खर्च करते हैं । भारत के पास हेल्थ सेक्टर में निवेश की अपार संभावनाएं हैं । प्रधाानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले महीने कहा था कि सरकार विधेयक लाएगी जिसमें डॉक्टरों को जेनेरिक मेडिसिन प्रिस्क्राइब करने का निर्देश होगा । वित्त वर्ष २०१७-१८ के लिए जारी बजट में सरकार ने हेल्थ के लिए ४७३५२.५१ करोड रुपए आवंटित किया था ।
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