काले धन से संबंधित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने नकदी रखने की सीमा को बढ़ाकर १ करोड़ रुपये करने का सुझाव केंद्र सरकार को दिया है । एसआईटी ने पहले २० लाख रुपये तक कैश रखने देने की सिफारिश की थी । एसआईटी प्रमुख जस्टिस (सेवानिवृत्त) एम बी शाह ने आज यहा कहा कि एसआईटी ने यह सिफारिश भी की है कि जब्ती के दौरान संबंधित सीमा से ज्यादा पाई जाने वाली राशि को सरकारी कोषागार में जमा कराया जाना चाहिए । नई सिफारिशें तब आई जब पूर्व की सिफारिशों में नकद राशि के रूप में १५ लाख और २० लाख रुपये तक रखने देने की सीमा को काफी कम पाया गया ।
मौजूदा नियमों के अनुसार, दोषी व्यक्ति ३० प्रतिशत इनकम टैक्स और जुर्माने का भुगतान कर जब्त राशि को वापस पा सकता है । सिफारिशें तब आई जब हाल में देशभर में टैक्स अधिकारियों की छापेमारी में बड़ी मात्रा में नकदी बरामद हुई । इनकम टैक्स अधिकारियों ने १६ जुलाई को राजमार्ग निर्माण से जुड़ी एक कंपनी और इसकी सह कंपनियों के २० परिसरों पर छापेमारी कर १६० करोड़ रुपये की नकदी और १०० किलोग्राम सोना जब्त किया था ।
जस्टिस शाह ने कहा, जब्त की जा रही राशि को देखिए, १६० करोड़ रुपये….१७७ करोड़ रुपये । उन्होंने कहा, जब्त की जा रही राशि की मात्रा इतनी ज्यादा है कि अब हमारा मत है कि २० लाख रुपये तक रखने देने की सीमा काम नहीं करेगी ।
जस्टिस शाह ने पूर्व में नकद राशि के रूप मेें १५ लाख रुपये तक रखने देने की सिफारिश की थी । हालांकि बाद में उन्होंने इस सीमा को बढ़ाकर २० लाख रुपये तक कर दिया । केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में निर्देश पर वर्ष २०१४ में एसआईटी का गठन किया था । सरकार को एसआईटी लगातार काले धन रोधी कदमों का सुझाव देती रही है ।
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