ऐसा शायद पहली बार ही हुआ है, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पाकिस्तानी डिप्लोमैट को अपनी वॉन्टेड लिस्ट में शामिल किया है और उनकी जानकारी हासिल करने के लिए फोटो जारी किया है । एनआईए ने आमिर जुबैर सिद्दकी समेत दो अन्य पाकिस्तानी अधिकारियों को इस लिस्ट में शामिल किया है । आमिर जुबैर सिद्दीकी कोलंबो स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में वीजा काउंसलर के तौर पर तैनात है । इन लोगों पर अमेरिका और इजरायल के दूतावासों पर २६/११ जैसे आतंकी हमले की साजिश रचने का आरोप है । इसके अलावा दक्षिण भारत में सेना और नेवी की कमांड्स पर भी २०१४ में हमले की साजिश रचने का आरोप है ।
एनआईए का कहना है कि श्रीलंका स्थित उच्चायोग में तैनात एक और पाकिस्तानी अधिकारी इस साजिश में शामिल था । एनआईए ने इन्हें अपनी वॉन्टेड लिस्ट में तो शामिल किया ही है, इसके अलावा एजेंसी इनके खिलाफ इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की भी मांग करेगी । कहा जा रहा है कि लिस्ट में शामिल आमिर जुबैर सिद्दीकी को पाकिस्तान ने स्वदेश वापस बुला लिया है । एनआईए ने फरवरी में सिद्दिकी के खिलाफ चार्जशीट तैयार की है, लेकिन अन्य तीन लोगों की पहचान नहीं हो पाई है ।
सिद्दीकी के अलावा जिन दो अन्य लोगों को वॉन्टेड लिस्ट में रखा गया है, वे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑफिसर है । इन्होंने अपने उपनाम विनीत और बॉस उर्फ शाह रख रखे हैं । एक अधिकारी ने बताया कि यह पहला मौका है, जब भारत ने किसी पाकिस्तानी डिप्लोमैट का नाम वॉन्टेड लिस्ट में रखा है और उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस की मांग की है । एनआईए के मुताबिक कोलंबो में काम करने के दौरान पाकिस्तानी अधिकारियों ने अपने एजेंट्स के जरिए चेन्नै में महत्वपूर्ण स्थानों पर हमले करने की साजिश रची थी ।
आरोपों के मुताबिक सिद्दीकी ने श्रीलंका के मुहम्मद साकिर हुसैन, अरुण सेल्वाराज, सिवबालन और तमीम अंसारी समेत कई अन्य लोगों को इसके लिए हायर किया गया था । इन सभी को एजेंसियों ने गिरफ्तार कर लिया था ।
एनआईए का दावा है कि सिद्दीकी और अन्य पाक अधिकारियों ने इन लोगों को भर्ती करने के बाद उन्हें डिफेंस से जुड़े प्रतिष्ठानों की जानकारी हासिल करने का काम सौंपा । इसके अलावा न्युक्लियर प्रतिष्ठानों और सेना की मूवमेंट की तस्वीरे खीच कर भेजने को कहा ।
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